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अनुच्छेद 370 के बाद फडणवीस के बदले सुर, शिवसेना से ज्यादा सीटों पर किया दावा

महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना गठबंधन के बीच सीटों की शेयरिंग को लेकर खींचतान शुरू हो गई है. धारा 370 के हटने के बाद बने सियासी माहौल को देखते हुए बीजेपी ने शिवसेना से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना लिया है. वहीं, शिवसेना अपनी पार्टनर को पुराने 50-50 फॉर्मूले की याद दिला रही है.

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देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे
देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना गठबंधन के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक समय सीट शेयरिंग के 50-50 फॉर्मूले को सुझाया था, लेकिन जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाए जाने के बाद उनके सुर बदल गए हैं. बीजेपी अब शिवसेना से ज्यादा विधानसभा सीटों पर चुनावी मैदान में उतरना चाहती है. ऐसे में सवाल उठता है कि बीजेपी के नए सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर शिवसेना राजी होती है या नहीं.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इंडिया टुडे से विशेष बातचीत में मुख्यमंत्री बनने का ख्वाब देख रही शिवसेना की नींद को उड़ा दिया है. सीएम ने बीजेपी और शिवसेना के बीच  सीट शेयरिंग का फॉर्मूला सुझाया है. देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना की उम्मीदों पर करारी चोट करते हुए कहा कि बीजेपी शिवसेना से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसका मतलब साफ है कि बीजेपी महाराष्ट्र में बड़े भाई की भूमिका में रहना चाहती है.

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सीएम फडणवीस ने कहा कि बीजेपी की 122 और शिवसेना की 63 जीती हुई सीटों पर किसी तरह का कोई विवाद नहीं है. इस तरह से दोनों पार्टियां अपनी-अपनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगी. अपने तीन मित्र पक्षों के लिए सीटें छोड़ने के बाद बची हुई सीटें हम लोग आपस में बांट लेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है कि बची हुई ये सीटें बराबर बांटी जाएंगी या नहीं.

हालांकि सीएम ने कहा कि हम सहयोगी दलों के बीच एक संतुलन बनाकर चलेंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी को लेकर महाराष्ट्र में बहुत सकारात्मक माहौल है. शिवसेना के लिए हमें कुछ सीटें छोड़नी पड़ेंगी, ये नुकसान करने के लिए हम तैयार हैं पर चुनाव शिवसेना के साथ ही लड़ा जाएगा.

फडणवीस ने ये साफ कर दिया है कि 288 सीटों का बराबरी का बंटवारा नहीं होने जा रहा जैसा कि शिवसेना दावा कर रही है. फडणवीस के फॉर्मूले के हिसाब से बीजेपी अपने पास जो सीटें रखेंगी शिवसेना के हिस्से में उससे चालीस सीटें कम आएंगी. सहयोगी छोटी पार्टियों को 12 ले 18 सीटें दी जाएंगी. अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी के पास 160 से 170 और शिवसेना के खाते में 110 से 120  सीटें आएंगी.

वहीं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीजेपी को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ओर से सीटों के बंटवारे के लिए घोषित 50-50 के फॉर्मूले की याद दिलाई है. बुधवार उद्धव ने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए शिवसेना और बीजेपी के बीच गठबंधन होकर रहेगा. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन के ऐलान के समय विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला तय हो गया था. मुख्यमंत्री फडणवीस ही ने फॉर्मूले की घोषणा की थी.

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बता दें कि इस साल फरवरी महीने में शिवसेना बीजेपी ने लोकसभा चुनाव साथ लड़ने की घोषणा की थी, उस दिन दोनों दलों की ओर से कहा गया था कि सत्ता में दोनों की बराबर की भागीदारी होगी. हालांकि ये बराबर की भागेदारी कैसे होगी, मुख्यमंत्री किस दल का होगा ये खुलासा नहीं किया था. इसके बाद से शिवसेना ने ये कहना भी शुरू कर दिया कि मुख्यमंत्री भी दोनों दलों के बारी बारी से ढाई-ढाई साल के लिए बनेंगे.

मुख्यमंत्री फडणवीस की तरह ही उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे भी इस समय महाराष्ट्र की यात्रा कर रहे हैं. जिसे शिवसेना के उन्हें मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर लांच करने की कोशिश माना जा रहा है. हांलाकि देवेंद्र फडणवीस साफ एलान कर चुके हैं कि गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री के लिए उन्हीं का नाम है, किसी और का नहीं. अब देखना होगा कि फडणवीस के इस नए फॉर्मूले पर शिवसेना राजी होती है या नहीं.

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