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मुंबई: लालबागचा राजा और दगडूशेठ हलवाई गणपति के विसर्जन की तैयारियां पूरी, बजाया जा रहा पारंपरिक कोली बैंड

महाराष्ट्र में गणेशोत्सव का उत्साह अपने चरम पर है और अब समय आ गया है जब मुंबई के प्रसिद्ध लालबागचा राजा और पुणे के दगडूशेठ हलवाई गणपति को भक्तजन भावभीनी विदाई देंगे. दोनों शहरों में गणपति विसर्जन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं.

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लालबागचा राजा के विसर्जन की तैयारियां पूरी. (Photo;ITG)
लालबागचा राजा के विसर्जन की तैयारियां पूरी. (Photo;ITG)

महाराष्ट्र में गणेशोत्सव के समापन के साथ ही विसर्जन की तैयारियां शुरू हो गई हैं. भक्तजन मुंबई के लालबागचा राजा और पुणे के दगडूशेठ हलवाई गणपति को भावभीनी विदाई दे रहे हैं. दोनों शहरों में गणपति विसर्जन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं.

साथ ही अनंत चतुर्दशी के मौके पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने अपनी पत्नी के साथ पुणे के दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर में पूजा-अर्चना की. अनंत चतुर्दशी गणेश उत्सव का अंतिम दिन है. ये विदाई विशेष आरती और भव्य शोभायात्रा के साथ की जाती है.

लालबागचा राजा की भव्य शोभायात्रा

इसी बीच मुंबई के लालबागचा राजा की विदाई की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. लालबागचा राजा पंडाल में आज विशेष आरती और पूजा का आयोजन किया जाएगा. इसके बाद गणपति की भव्य शोभायात्रा शुरू होगी, जिसमें हजारों भक्त शामिल होंगे. ये शोभायात्रा सुबह गिरगांव चौपाटी पहुंचेगी, जहां लालबागचा राजा का विसर्जन समुद्र में किया जाएगा.

लालबागचा राजा की ये शोभायात्रा न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि मुंबई की सांस्कृतिक और धार्मिक एकता को भी दर्शाती है. भक्तजन पारंपरिक कोली बैंज, ढोल-नगाड़ों और 'गणपति बप्पा मोरया' के जयघोष के साथ अपने आराध्य को विदाई देंगे.

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अजित पवार ने की दगडूशेठ गणपति की पूजा

वहीं, शनिवार तड़के महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार पुणे के दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर में अपनी पत्नी के साथ अनंत चतुर्दशी के मौके पर पूजा की. बताया जा रहा है कि वह विसर्जन उत्सव में शामिल हो सकते हैं. बता दें कि ये मंदिर पुणे के सबसे प्रसिद्ध गणपति मंदिरों में से एक है.

आज सुबह 9:30 बजे के बाद दगडूशेठ हलवाई गणपति की भव्य शोभायात्रा शुरू होगी. गणपति की मूर्ति को पंडाल से मंदिर तक ले जाया जाएगा और कल इसका विसर्जन किया जाएगा. इस शोभायात्रा में भी हजारों भक्त शामिल होंगे जो भक्ति और उत्साह के साथ अपने प्रिय गणपति को विदाई देंगे.

गणेशोत्सव महाराष्ट्र की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान का अभिन्न हिस्सा है. ये पर्व न केवल भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता और उत्सव के उत्साह को भी दर्शाता है. लालबागचा राजा और दगडूशेठ हलवाई गणपति जैसे प्रसिद्ध मंडलों का विसर्जन हर साल लाखों लोगों के लिए एक भावनात्मक क्षण होता है.

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