महाराष्ट्र के बारामती में हैवानियत की एक ऐसी कहानी सामने आई है जिसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे. बारामती में मजदूर शिंदे परिवार पर पंचायत के लोगों ने ही हमला कर दिया. उनके परिवार की चार महिलाओं को न सिर्फ पीटा गया बल्कि उनके कपड़े भी फाड़ दिए गए.
हनुमंत शिंदे(65) के बड़े लड़के ने कुछ दिनों पहले अपनी बिरादरी में ही शादी कर ली थी जिसके बाद पंचायत ने उनके परिवार को समाज निकाला दे दिया था. हाल ही में शिंदे के घर में एक और शादी हुई जिसमें पंचायत के लोगों ने भी शिरकत की. इसके बाद परिवार के मुखिया ने वायडू पंचायत से उनके परिवार को समाज में शामिल करने की गुहार लगाई थी. पंचायत ने परिवार को समाज में शामिल करने के एवज में पांच लाख रुपये चुकाने के लिए कहा. एक मजदूर परिवार के लिए इतनी रकम चुका पाना संभव नहीं था. उन्होंने पंचायत से इस रकम को चुका पाने में असमर्थता जताई. इसके बाद जब परिवार घर लौटा तो वहां लगभग 20 लोगों की भीड़ मौजूद थे. इनमें 8 पंचायत के सदस्य भी थे.
घर वाले कुछ समझ पाते इससे पहले भीड़ ने परिवार पर हमला कर दिया. हनुमंत शिंदे की बहू को उन्होंने डंडों से पीटा और उसके बाद उनकी बहन को भी मारा. भीड़ यही नहीं रुकी उन्होंने शिंदे की बहू के कपड़े फाड़ दिए. एक नुकीले डंडे से उसके चेहरे पर वार किया जिससे उसे काफी जख्म आए. शिंदे परिवार की चार महिलाओं को पीटा गया और उनके कपड़े फाड़ दिए गए.
शिंदे की बहू कांता इस घटना के बारे में बताते हुए सिहर उठती हैं. उन्होंने बताया, 'मैं अब भी नहीं भूल सकती कि उन्होंने मेरे साथ क्या किया. उन्होंने मुझे बुरी तरह मारने के बाद मेरे कपड़े फाड़ दिए. जब मेरे बदन पर कपड़े नहीं थे तब उन्होंने मेरे अंदर मिर्च का पाउडर डाल दिया. मैं अब भी इस दर्द से तड़प रही हूं.' इस घटना के बाद पांच लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. गौरतलब है कि यह एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले का इलाका है. परिवार का कहना है कि अब तक सांसद ने हमारी कोई खोज-खबर नहीं ली है न ही किसी और पार्टी के लोग आए हैं.
स्थानीय सामाजिक संगठन अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने इस मामले की जानकारी ली और पुलिस पर मामले को दर्ज करने का दबाव बनाया. इसके बाद ही आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकी. परिवार ने कहा कि पुलिस राजनीतिक दबाव के कारण कारवाई नहीं कर रही. पुलिस इंस्पेक्टर शंभाजी ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में इस बात से इनकार किया कि पुलिस कारवाई नहीं कर रही. उन्होंने कहा कि हमने कई गवाहों के बयान दर्ज कर लिए हैं. आईपीसी की धारा 384 और 385 के तहत आरोपियों पर मामला भी दर्ज कर लिया है.