अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ को दुनिया भर के मुल्कों से मिल रही आलोचना मिल रही है. इस बीच ट्रंप ने भारत के साथ एक फिर से अच्छे संबंध बनाए रखने की ओर इशारा किया. ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना बहुत अच्छा मित्र बताया. जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भी प्रतिक्रिया देते हुआ कहा कि राष्ट्रपति की भावनाओं और हमारे संबंधों के सकारात्मक मूल्यांकन की सराहना करता हूं. इस बीच भारत में अमेरिका-भारत के संबंधों में आई दरार पर राजनीति भी जारी है.
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता मनोज झा ने अमेरिकी राष्ट्रपति बताया है. उन्होंने कहा, "आज की तारीख में दुनिया में अमेरिकी राष्ट्रपति से ज्यादा अस्थिर कोई नहीं है. हमें उस जाल में नहीं फंसना चाहिए. कूटनीति और दीर्घकालिक संबंध किसी दिखावे से तय नहीं होते. अगर हम अपनी विदेश नीति और बातचीत की क्षमता को केवल दिखावे तक सीमित कर देंगे, तो हमें कुछ हासिल नहीं होगा."
मनीष तिवारी: भारत इज्जत और सम्मान पर समझौता नहीं करेगा
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके सहयोगी पीटर नवारो पर निशाना साधते हुए कहा कि वे यह नहीं समझते कि मामला सिर्फ़ टैरिफ़ का नहीं है, बल्कि आत्मसम्मान, गरिमा और सम्मान का है.
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उन्होंने कहा हमने अंग्रेज़ों से लड़ाई लड़ी और उन्हें हराया. भारत एक रोटी कम खा लेगा लेकिन दबाव या धमकियों के आगे कभी नहीं झुकेगा.
देवेंद्र फडणवीस: दूसरा कोई हमारी विदेश नीति तय नहीं कर सकता
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भारत-अमेरिका के संबंधों को लेकर कहा, "प्रधानमंत्री मोदी महान हैं और दूसरे देशों के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भी उन्हें महान मानते हैं. यह पीएम मोदी का नया भारत है, जो अपनी विदेश नीति खुद तय करता है. कोई हमें हमारी विदेश नीति पर हुक्म नहीं दे सकता. चाहे कोई हमारे साथ आए या नहीं, भारत 'विकसित भारत' बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा."
भारत-अमेरिका संबंधों में नया मोड़
अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी को अपना बहुत अच्छा मित्र बताया. पहले दोनों देशों के बीच टैरिफ को लेकर विवाद की स्थिति बनी थी, जिसके बाद बयानबाजी का सिलसिला शुरू हुआ था. भारत ने इस दौरान कोई तीखी प्रतिक्रिया नहीं दी और तथ्यों के आधार पर अपनी स्थिति स्पष्ट की. भारत ने रणनीतिक मौन साधते हुए आगे कदम बढ़ाया. तनाव के समय नकारात्मक बयानों के बजाय सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान दिया गया, अब भारत का अगला कदम द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर प्रगति करना होगा, जिसके लिए नवंबर तक की समय सीमा तय की गई है. यह स्पष्ट हो गया है कि कब बोलना है और कब खामोश रहना है, यह महत्वपूर्ण है.