सोलापुर ग्रामीण पुलिस ने 31 अगस्त को कुर्दुवाड़ी गांव में अवैध मिट्टी खुदाई के खिलाफ अभियान के दौरान सरकारी अधिकारियों के काम में बाधा डालने के आरोप में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के स्थानीय पदाधिकारी बाबा जगताप, उनके सहयोगियों और लगभग 15-20 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
यह मामला तब सामने आया जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें अजित पवार आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्ण को फोन पर फटकार लगा रहे थे. पुलिस शिकायत के अनुसार, राजस्व अधिकारी सुधीर पोपट बागे और बीपी शेवरे, आईपीएस अधिकारी और करमाला उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (SDPO) अंजना कृष्णा, उनके अंगरक्षक और अन्य पुलिस कर्मियों के साथ कुर्दुवाड़ी में अवैध मिट्टी खनन के खिलाफ कार्रवाई कर रहे थे.
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उस समय स्थानीय पार्टी कार्यकर्ता बाबा जगताप ने नितिन माली, संतोष कापरे, अन्ना धने और अन्य के साथ मिलकर कथित तौर पर हंगामा किया और अधिकारियों को अपना कर्तव्य निभाने से रोका. इस मामले में 4 सितंबर को कुर्दुवाड़ी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी. इस घटना का एक वीडियो वायरल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया था, जिसमें उपमुख्यमंत्री अजित पवार एसडीपीओ कृष्णा से सीधे फोन पर बात करते हुए दिखाई दे रहे थे. क्लिप में, पवार को सख्ती से उनसे अवैध मिट्टी खनन के खिलाफ कार्रवाई रोकने के लिए कहते हुए सुना गया.
बाबा जगताप ने अपने फोन से अजित पवार को कॉल करके उनकी बात आईपीएस अंजना कृष्णा से कराई थी. महिला अधिकारी ने कहा अजित पवार से कहा, 'मैं कैसे मान लूं कि मेरी बात उपमुख्यमंत्री से ही हो रही है, आप मेरे नंबर पर डायरेक्ट कॉल करिए.' इस पर अजित पवार गुस्सा गए और उन्होंने आईपीएस कृष्णा से कहा, 'इतनी डेयरिंग हो रही है. एक मिनट, मैं तेरे ऊपर एक्शन लूंगा. मैं खुद आपसे बात कर रहा हूं और आप मुझे सीधे कॉल करने के लिए कह रही हैं. आप मुझसे मिलना चाहती हैं. मेरा नंबर लें और व्हाट्सएप कॉल करें. आपकी हिम्मत कैसे हुई?'
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इस प्रकरण की विपक्षी नेताओं ने तीखी आलोचना की, जिसमें एनसीपी (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने इसे संवैधानिक मूल्यों पर हमला बताया, जबकि शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने अजित पवार पर अवैध गतिविधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया. बाद में अजित पवार ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि वह सरकारी कार्य में हस्तक्षेप करने की कोशिश नहीं कर रहे थे, बल्कि केवल तनावपूर्ण स्थिति को शांत कराने का प्रयास कर रहे थे. उन्होंने ज़ोर देकर कहा, 'मैं अपने पुलिस बल और उसके अधिकारियों, जिनमें महिला अधिकारी भी शामिल हैं, उनका बहुत सम्मान करता हूं... मैं कानून के शासन को सबसे ऊपर रखता हूं.'