निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र में सीएसडीएस के डायरेक्टर संजय कुमार के खिलाफ दो FIR दर्ज कराई हैं. इनमें से एक FIR नागपुर में और दूसरी नाशिक के जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से दर्ज की गई है. ये FIR कथित तौर पर जनता को बरगलाने वाले अपुष्ट (अन्कन्फर्म्ड) आंकड़े प्रकाशित करने और उन्हें सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों पर फैलाने के आरोप में दर्ज की गई हैं.
निर्वाचन आयोग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि देश में कोई भी व्यक्ति यदि अपुष्ट तथ्यों या आंकड़ों का इस्तेमाल कर आम जनता को भ्रमित करने या झूठ फैलाने का प्रयास करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. ऐसे मामलों में FIR दर्ज कर संबंधित व्यक्ति को कानून के तहत जवाबदेह ठहराया जाएगा.
सूत्रों के अनुसार, आयोग यह भी स्पष्ट कर चुका है कि जनता को चुनाव या मतदाता संबंधी आंकड़े हमेशा निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट से ही डाउनलोड करने चाहिए. अन्य किसी स्रोत से लिए गए आंकड़े न केवल गलत या अपुष्ट हो सकते हैं, बल्कि उन्हें साझा करने वाले को कानूनी शिकंजे में फंसा सकते हैं.
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निर्वाचन आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि उसका प्रमुख उद्देश्य देशभर में मतदाता सूची का शुद्धिकरण और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है. इसी उद्देश्य के तहत आयोग किसी भी तरह के भ्रम फैलाने या झूठे आंकड़े फैलाने वाले मामलों पर कड़ा रुख अपनाता है.
विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से न केवल जनता में जागरूकता बढ़ेगी, बल्कि चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता और विश्वसनीयता भी सुनिश्चित होगी. आयोग का यह कदम यह संदेश भी देता है कि निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता और जिम्मेदारी सबसे महत्वपूर्ण हैं.