मध्य प्रदेश के मंदसौर में गुरु-शिष्य परंपरा के अपमान का मामला सामने आया है. छात्रों की नारेबाज़ी से परेशान प्रोफेसर ने जब छात्रों को नारे लगाने से रोका तो छात्रों ने अपने ही गुरु पर ऐसा आरोप लगाया कि प्रोफेसर अपने ही छात्रों के ढूंढ-ढूंढकर पैर पकड़ते दिखाई दिए.
मंदसौर के पीजी कॉलेज में प्रोफेसर दिनेश चंद्र गुप्ता की गांधीगीरी के चर्चे हैं. दरअसल, कॉलेज में एबीवीपी के छात्र अपनी मांगों के लिए कॉलेज में ज्ञापन देने पहुंचे लेकिन कॉलेज परिसर में ही नारेबाज़ी करने लगे. नारेबाज़ी के चलते कॉलेज में पढ़ रहे छात्रों को हो रही परेशानी को देखते हुए प्रोफेसर दिनेश चंद्र गुप्ता ने छात्रों से नारेबाज़ी बंद करने को कहा तो छात्र भड़क गए. छात्रों ने प्रोफेसर पर सीधे देशद्रोह का आरोप लगा दिया और भारत माता की जय का नारा लगाने को कहा. ऐसा नहीं करने पर छात्रों ने अपने ही प्रोफेसर को देशद्रोही घोषित करने की कोशिश की.
प्रोफेसर दिनेश चंद्र गुप्ता इतने आहत हो गए कि उन्होंने इसके लिए गांधीगीरी का तरीका अपनाया और वह छात्रों को ढूंढ-ढूंढकर उनके पांव छूने लगे. साथी प्रोफेसरों और कुछ छात्रों ने प्रोफेसर दिनेश चंद्र गुप्ता को रोकने की कोशिश भी की लेकिन अपने ऊपर लगे आरोपों से आहत प्रोफेसर नहीं माने. उन्होंने कॉलेज परिसर में ही घूम घूमकर नारेबाज़ी कर रहे छात्रों के पैर छुए.
घटना के बाद प्रोफेसर दिनेश चंद्र गुप्ता ने कहा कि वो बीते 32 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में हैं लेकिन कभी किसी को भारत माता की जय बोलने से नहीं रोका. प्रोफेसर के मुताबिक उन्होंने नारेबाज़ी करने वाले छात्रों से बस इतना कहा था कि क्लासरूम के पास नारेबाज़ी ना करें और बाहर चले जाएं. जिससे छात्र नाराज़ हो गए और उनपर झूठा आरोप लगाया.
बच गया एक और सभरवाल कांड होने से
मंदसौर में प्रोफेसर के साथ अभद्रता की तस्वीरों ने एक बार फिर उज्जैन के प्रोफेसर सभरवाल कांड की याद दिला दी. क्योंकि इसी तरह की घटना के दौरान प्रोफेसर सभरवाल की मौत हो गई थी, जिसका आरोप एबीवीपी के छात्र नेताओं पर ही लगा था. वहीं मंदसौर की घटना के वक्त भी प्रोफेसर दिनेश चंद्र गुप्ता की तबीयत खराब हो गई क्योंकि प्रोफेसर गुप्ता हार्ट पेशेंट तो हैं ही, साथ ही उन्हें ब्लड प्रेशर की भी शिकायत है. जिसके कारण छात्रों के पीछे भागते वक्त उनकी तबीयत खराब होते देख साथी प्रोफेसरों ने उन्हें सहारा दिया और कमरे तक लाए.
कांग्रेस ने बताया शिक्षकों का अपमान
मंदसौर की घटना को कांग्रेस ने शिक्षकों का अपमान बताया है. कांग्रेस के मीडिया कॉर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा ने कहा कि एबीवीपी के इस कृत्य के लिए पूरी भारतीय जनता पार्टी और सत्ता में बैठे उनके मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सार्वजनिक रूप से गुरू से माफी मांगनी चाहिए और दोषियों पर आपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए.
छुट्टी पर गए प्रोफेसर दिनेश गुप्ता- प्रिंसिपल
इस बारे में मंदसौर पीजी कॉलेज के प्रिंसिपल रविन्द्र सोहनी ने बताया कि प्रोफेसर दिनेश चंद्र गुप्ता सीनियर प्रोफेसर हैं जिनकी कई किताबें बाजार में हैं. प्रिंसिपल के मुताबिक प्रोफेसर गुप्ता घटना के बाद 3 दिन के अवकाश पर चले गए हैं.
ABVP ने दी सफाई
इस पूरे मामले में ABVP के ज़िला संयोजक पवन शर्मा ने सफाई देते हुए कहा कि ''बीएससी फॉर्थ सेमिस्टर के बच्चों का रिजल्ट अभी तक नहीं आया है, जिसमें यूनिवर्सिटी की गलती है. जिसको लेकर ज्ञापन दे रहे थे लेकिन नारेबाज़ी की बात पर बहस शुरू हो गई. पवन शर्मा ने माना कि गुरु सम्मानीय है और सम्मानीय ही रहेंगे और इस बारे में वो कार्यकर्ताओं से बात करेंगे कि ऐसी नौबत क्यों आई.