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झाबुआ उपचुनाव की जीत को कमलनाथ ने बताया 'दीवाली गिफ्ट', सदन में कांग्रेस हुई मजबूत

कांग्रेस ने झाबुआ विधानसभा उपचुनाव में अपने बड़े आदिवासी चेहरे और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया पर दांव चला था तो वहीं बीजेपी ने युवा प्रत्याशी भानु भूरिया को मैदान में उतारा था.

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कांतिलाल भूरिया
कांतिलाल भूरिया

  • बीजेपी विधायक जीएस डामोर के सांसद बनने के बाद खाली हुई थी सीट
  • कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया ने मारी बाजी

मध्यप्रदेश के झाबुआ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर बाजी मारते हुए बीजेपी से ये सीट छीन ली. ये सीट लोकसभा चुनाव में स्थानीय बीजेपी विधायक जीएस डामोर के सांसद बनने के बाद खाली हुई थी. हार के बाद बीजेपी में निराशा है तो वहीं कांग्रेस गदगद है, क्योंकि उसने अब सदन में एक तरह से बहुमत हासिल कर लिया है.

सीएम कमलनाथ ने बताया 'दिवाली गिफ्ट'

झाबुआ उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया की जीत पर सीएम कमकनाथ ने ट्वीट कर इसे दीवाली का तोहफा बताया. सीएम ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'झाबुआ उपचुनाव में कांग्रेस की जीत पर कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भुरिया को बहुत-बहुत बधाई. क्षेत्र के मतदाताओं व कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आभार. क्षेत्र की जनता ने बीजेपी के झूठ, फरेब, जुमलों को नकारकर कांग्रेस की रीति-नीतियो व कांग्रेस सरकार के जनहित के कार्यों पर मुहर लगायी है.

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कमलनाथ ने कहा, यह झाबुआ की जनता की ओर से दिया गया दीपावली का तोहफा है. चुनाव में जनता से किए सभी वादों को पूरा कर हम झाबुआ की तस्वीर बदलेंगे, यह हमारा संकल्प है. इस जीत ने हमें और मजबूती प्रदान की है. जनता के विश्वास पर खरे उतरकर हम और ताककत से प्रदेश में विकास की गंगा बहाएंगे. जनता से किए एक-एक वादे को पूरा करना हमारा वचन है, उसे हम हर हाल में निभाएंगे'.

कांग्रेस ने झाबुआ विधानसभा उपचुनाव में अपने बड़े आदिवासी चेहरे और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया पर दांव चला था तो वहीं बीजेपी ने युवा प्रत्याशी भानु भूरिया को मैदान में उतारा था. लेकिन कांग्रेस का दांव सटीक बैठा और अनुभवी भूरिया ने युवा भूरिया को पटखनी दे दी.

'सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से जीती कांग्रेस': राकेश सिंह

बीजेपी की हार पर प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने आरोप लगाया कि 'कांग्रेस ने ये चुनाव सरकारी मशीनरी के इस्तेमाल से जीता है'. उन्होंने कहा कि वैसे भी ये कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है लेकिन हमें जीत की उम्मीद थी लेकिन अब जनता का फैसला स्वीकार है.

राकेश सिंह ने कहा कि 'जहां तक झाबुआ का सवाल है वो परंपरागत रूप से कांग्रेस की सीट है. यहां हम तभी जीते हैं जब कांग्रेस का बागी वहां चुनाव लड़ा है. सरकार के प्रति जनता का गुस्सा और बीजेपी ने जैसे ये चुनाव लड़ा उससे हमे आशा थी कि चुनाव हम जीतेंगे. लेकिन जिस तरह वहां कांग्रेस की सरकार ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया, सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को चुनाव में जिस यरह से झोंका, उनको मतदान केंद्रों के टारगेट दिए गए. हम ऐसा मानते हैं कि इसका असर चुनाव के परिणामों पर हुआ है.

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विधानसभा के सदन में कांग्रेस हुई मजबूत

अब झाबूआ उपचुनाव के नतीजों ने विधानसभा में कांग्रेस की स्थिति को बेहद मजबूत कर दिया है. इस जीत के बाद मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के पास 115 विधायक हो गए हैं. इसके अलावा कांग्रेस के पास 4 निर्दलीय, एक एसपी और 2 बीएसपी विधायक हैं. एक निर्दलीय विधायक के मंत्री होने के चलते कांग्रेस ने 230 विधायकों वाली विधानसभा के सदन में 116 विधायकों के साथ एक तरह से बहुमत हासिल कर लिया है.

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