
नागपंचमी के अवसर पर महाकाल मंदिर में हंगामा खड़ा हो गया. हंगामा खड़ा करने वाले कोई और नहीं बल्कि मंदिर के पुजारी ही थे. नागपंचमी पर भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने महाकाल मंदिर में नियमों की धज्जियां उड़ाईं. पुजारियों की नाराजगी भाजपा के नेता और महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को वीआईपी ट्रीटमेंट दिए जाने को लेकर थी. दरअसल, कोरोना के चलते नागपंचमी पर महाकाल मंदिर के शीर्ष पर स्थित नागचन्द्रेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है.
वर्ष में केवल एक बार खुलने वाले इस मंदिर में नागचंद्रेश्वर महादेव के दर्शन के लिए लाइव दर्शन का इंतजाम किया गया है. लेकिन शुक्रवार की रात करीब 12 बजे पट खुलने के कुछ घंटे बाद ही भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय बेटे आकाश, विधायक रमेश मैंदोला सहित दल बल के साथ मंदिर में पहुंच गए. इसके बाद दर्शन व्यवस्था को बंद कर दिया गया और पुजारियों का प्रवेश भी बंद कर दिया गया. मंदिर में प्रवेश करने से रोकने पर पुजारी अजय गुरु और अधिकारियों के बीच जमकर विवाद हुआ. यही वजह हंगामे का कारण बनी. जिसके चलते भस्मारती आधे घंटे देरी से शुरू हो सकी.
हालांकि, मामले में कलेक्टर ने भस्मारती समय से शुरू होने की बात कही है. लेकिन मामले को लेकर पुजारियों में जमकर आक्रोश है. जिसके चलते इन्होंने मुख्यमंत्री से शिकायत की बात कही है. मामले को लेकर मीडिया ने कैलाश विजयवर्गीय से भी सवाल किए लेकिन वे मीडिया को देखते ही वहां से चले गए. कलेक्टर ने भस्मारती में हुई देरी की बात को असत्य बताते हुए जनसंपर्क में वीडियो जारी करने की बात कही है.

उज्जैन के कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा, ''इस प्रकार की एक खबर जरूर चल रही है और यह भी कहा जा रहा है कि इसकी वजह से भस्मारती में देरी हुई है और मैं मामले की जांच करा रहा हूं. लेकिन जो यह चीज प्रसारित की जा रही है कि किसी वजह से भस्मारती देर से चालू हुई है, उसमें कोई सत्यता नहीं है. मेरे पास भस्मारती का वीडियो है, उसमें टाइमिंग भी लिखी रहती है. हमारे कैमरे की जो फीड आती है वह जनसंपर्क के माध्यम से जारी भी किया जाएगी.