झारखंड के सिमडेगा जिले में पुलिसिंग को नई दिशा देने वाली एक अनोखी पहल शुरू की गई है. इसका असर पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गया है. सिमडेगा पुलिस ने पहली बार 'पुलिस मैन ऑफ द वीक' योजना की शुरुआत की है. इसके तहत थानों, ओपी और पुलिस कामालयों में पदस्थापित कर्मियों को उनके बेहतर काम, कर्तव्यनिष्ठा और उत्कृष्ट टर्न आउट के लिए हर सप्ताह सम्मानित किया जा रहा है. इस कदम ने पुलिस बल के भीतर न केवल मनोबल बढ़ाया है, बल्कि एक सकारात्मक प्रतिस्पर्धा का भी वातावरण तैयार किया है.
दरअसल, इस पहल की अगुवाई जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) एम. अर्शी ने की है. हर शनिवार को चयनित पुलिसकर्मी को सम्मानित किया जाता है. इस कड़ी में शनिवार को एसपी अर्शी ने बांसजोर थाना गार्ड में प्रतिनियुक्त हवलदार रवि कुमार टूटी को प्रशस्ति पत्र और उपहार देकर सम्मानित किया. अब तक नौ पुलिस कर्मियों एवं अधिकारियों को इस सम्मान से नवाजा जा चुका है. इनमें गोविंद कुमार अखौरी, फगुआ मुंडा, रसोलिया तोपनो, सुमित कुमार ठाकुर, सरिता कुमारी, विपुल कच्छप, पियूष हीरो, अरुणा खाखा और रवि कुमार टूटी शामिल हैं.
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पहल का उद्देश्य और असर
'पुलिस मैन ऑफ द वीक' योजना का मुख्य उद्देश्य पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ाना और उन्हें अपने काम में निष्ठा व पेशेवर उत्कृष्टता के लिए प्रेरित करना है. इसके जरिए पुलिस बल में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया जा रहा है. अधिकारियों का मानना है कि यह पहल न केवल पुलिसकर्मियों को प्रेरित करेगी बल्कि जनता के भरोसे को भी मजबूत करेगी. जब लोग देखेंगे कि उनके क्षेत्र के पुलिसकर्मी अपने काम को पूरी ईमानदारी और जिम्मेदारी से निभा रहे हैं, तो पुलिस-जनता के बीच विश्वास और गहराएगा.
पुरस्कृत पुलिसकर्मी की तस्वीर थानों में प्रदर्शित
इस योजना के तहत पुरस्कृत पुलिसकर्मी की तस्वीर पूरे जिले के सभी थानों और ओपी के नोटिस बोर्ड पर एक सप्ताह तक लगाई जाती है. इससे जहां सम्मानित पुलिसकर्मी का मनोबल ऊंचा होता है, वहीं अन्य पुलिसकर्मी भी सब से अच्छा काम करने के लिए प्रेरित होते हैं. पुलिस विभाग के अंदर यह परंपरा पारदर्शिता और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दे रही है.

चयन प्रक्रिया और पारदर्शिता
एसपी एम. अर्शी ने पुरस्कृत पुलिसकर्मियों के चयन हेतु एक विशेष कमेटी गठित की है. इसमें एसडीपीओ, डीएसपी, सार्जेंट मेजर, पुलिस निरीक्षक और विभिन्न अंचलों सिमडेगा, बानो, जलडेगा एवं कुरडेग के अधिकारी शामिल हैं. यह समिति प्रत्येक सप्ताह आरक्षी से लेकर सब-इंस्पेक्टर स्तर तक के कर्मियों में से सर्वश्रेष्ठ का चयन करती है. इससे चयन प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनी रहती है.
पहल के लाभ
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस योजना ने पुलिस बल के कामकाज में ऊर्जा और अनुशासन लाया है. प्रेरणा और प्रतिस्पर्धा की भावना ने कर्मियों को और मेहनती और जिम्मेदार बना दिया है. पुलिस विभाग में पारदर्शिता और प्रोत्साहन की संस्कृति विकसित हो रही है, जिसका सीधा फायदा जनता तक पहुंच रहा है.
सिमडेगा पुलिस की यह पहल झारखंड पुलिस के लिए रोल मॉडल बनती जा रही है. आने वाले समय में उम्मीद जताई जा रही है कि राज्य के अन्य जिलों में भी इस तरह की पहल लागू होगी. इससे न केवल पुलिसकर्मियों की कामक्षमता बढ़ेगी, बल्कि जनता के बीच पुलिस की सकारात्मक छवि और अधिक मजबूत होगी.