भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के हरमू रोड स्थित आवासीय प्लॉट पर झारखंड राज्य आवास बोर्ड ने सवाल खड़े किए हैं. बोर्ड का कहना है कि धोनी के इस आवासीय भूखंड का उपयोग नियमों के खिलाफ व्यवसायिक उद्देश्य के लिए किया जा रहा है.
धोनी को तत्कालीन अर्जुन मुंडा सरकार ने खेल में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के चलते हरमू रोड पर करीब 10,000 वर्गफुट का आवासीय प्लॉट आवंटित किया था. हालांकि, अब यह सामने आया है कि इस प्लॉट पर डायग्नोस्टिक सेंटर का बोर्ड लगा हुआ है.
भूखंड के व्यावसायिक इस्तेमाल की होगी जांच
झारखंड राज्य आवास बोर्ड के अध्यक्ष संजय लाल पासवान ने बताया कि आवासीय प्लॉट का उपयोग केवल आवास के लिए ही किया जा सकता है. किसी अन्य उपयोग के लिए यह नियमों का उल्लंघन है. बोर्ड ने धोनी के हरमू आवास पर डायग्नोस्टिक सेंटर खोलने की जानकारी मिलने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी है.
अगर जांच में यह साबित होता है कि आवासीय भूखंड का व्यवसायिक उपयोग हो रहा है, तो बोर्ड धोनी के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगा. धोनी फिलहाल रिंग रोड स्थित सिमलिया में अपने नए घर में रहते हैं, जबकि हरमू रोड पर उनका पुराना आवास है. बोर्ड ने इसी तरह हरमू रोड स्थित बीजेपी प्रदेश कार्यालय के आवासीय भूखंड के व्यावसायिक उपयोग पर भी सवाल उठाए हैं. इस मामले में पहले ही नोटिस जारी किया जा चुका है.
हरमू आवास पर डायग्नोस्टिक सेंटर खोलने की जानकारी मिली थी
बता दें कि भारतीय क्रिकेट टीम में डेब्यू के बाद महेंद्र सिंह धोनी के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए राज्य की तत्कालीन अर्जुन मुंडा सरकार ने उन्हें नि:शुल्क जमीन आवंटित करने का निर्णय लिया था. सरकार के फैसले के आलोक में झारखंड राज्य हाउसिंग बोर्ड ने 23 फरवरी, 2006 को ऑर्डर नंबर 380 के जरिए उन्हें रांची की हरमू हाउसिंग कॉलोनी में एचआईजी 10/ए प्लॉट आवंटित किया था.
इस मामले पर आवास बोर्ड के अध्यक्ष संजय पासवान ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से खेल के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करने पर एमएस धोनी को आवासीय प्लॉट उपलब्ध कराया गया था, लेकिन अब इस आवासीय प्लॉट का व्यवसायिक उपयोग नियम खिलाफ होगा, इसलिए उन्होंने बोर्ड के पदाधिकारियों को पूरे मामले की जांच का आदेश दिया है. जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.