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ऑनलाइन जुए में डुबो दिए 50 लाख, गुवा डाकघर का पूर्व उप डाकपाल गिरफ्तार, उड़ा दी जनता की जमा पूंजी

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम के गुवा डाकघर में लाखों की फर्जी निकासी का पर्दाफाश हुआ है. पूर्व उप डाकपाल विकास चंद्र कुइला ने खाताधारकों की रकम से 50 लाख रुपये निकालकर ऑनलाइन जुए में उड़ा दिए.

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झारखंड के चाईबासा में पूर्व उप डाकपाल ने जनता के पैसे को ऑनलाइन जुए में उड़ा दिया. (AI-generated image)
झारखंड के चाईबासा में पूर्व उप डाकपाल ने जनता के पैसे को ऑनलाइन जुए में उड़ा दिया. (AI-generated image)

चाईबासा (पश्चिमी सिंहभूम) जिले के गुवा डाकघर में लाखों रुपये की फर्जी निकासी के खुलासे ने पूरे जिले में हड़कंप मचा दिया है. पुलिस ने इस घोटाले के मास्टरमाइंड और पूर्व उप डाकपाल विकास चंद्र कुइला को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने आम लोगों की जमा पूंजी से करीब ₹50.56 लाख रुपये ऑनलाइन जुए और कैसिनो ऐप्स में उड़ा दिए.

पुलिस जांच में सामने आया है कि विकास कुइला ने 1 फरवरी 2023 से 19 जून 2025 के बीच इस घोटाले को अंजाम दिया. उसने डाकघर की बचत योजनाओं में निवेश करने वाले खाताधारकों के पैसों को धीरे-धीरे निकालकर डेल्टा एक्सचेंज, धूम 999 कैसिनो, और अन्य ऑनलाइन जुआ प्लेटफॉर्म पर दांव लगाया और सब कुछ हार गया.

कैसे खुला घोटाले का राज

गुवा के डाक निरीक्षक सुमन कुमार सांमता की शिकायत पर गुवा थाना में कांड संख्या 34/2025 दर्ज की गई थी. जांच के दौरान आरोपी के एसबीआई और डाकघर खातों में संदिग्ध लेनदेन के कई सबूत मिले.

एसपी पश्चिमी सिंहभूम के निर्देश पर एसडीपीओ अजय केरकेट्टा (किरीबुरू) के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई. टीम ने आरोपी के टुंगरी स्थित घर पर छापेमारी कर उसे गिरफ्तार किया. कार्रवाई के दौरान उसकी पत्नी और दो स्वतंत्र गवाह मौजूद थे.

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ऑनलाइन जुए का जाल

जांच में पता चला कि विकास कुइला लंबे समय से ऑनलाइन जुए का आदी था.

डेल्टा एक्सचेंज और धूम ट्रिपल नाइन कैसिनो ऐप में उसने करीब ₹32.95 लाख गवाए.

वहीं, मुर्गा पाड़ा हब्बा डाब्बा नाम के ऐप पर लगभग ₹18-20 लाख और हार गया.

पुलिस का कहना है कि आरोपी के पोस्ट ऑफिस और एसबीआई खातों में 2022 से अब तक हुए बड़े लेनदेन भी जांच के घेरे में हैं.

जांच जारी, और नाम सामने आने की संभावना

पुलिस अब आरोपी के ऑनलाइन जुआ नेटवर्क और वित्तीय ट्रांजैक्शन की तहकीकात कर रही है. साथ ही, डाक विभाग ने भी आंतरिक ऑडिट शुरू किया है ताकि यह पता चल सके कि क्या इस घोटाले में अन्य कर्मचारी भी शामिल थे. एसडीपीओ अजय केरकेट्टा ने बताया कि आरोपी को जेल भेज दिया गया है और जांच जारी है. अगर जांच में अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आती है, तो सभी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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