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वैष्णो देवी हादसा: श्राइन बोर्ड ने लापरवाही के आरोपों को किया खारिज, कहा- अलर्ट मिलते ही रोक दी गई थी यात्रा

26 अगस्त को त्रिकुटा की पहाड़ियों के कटरा बेल्ट में अधकुंवारी के पास बादल फटने से भीषण भूस्खलन हुआ. इसमें 34 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 18 लोग घायल हुए. बोर्ड ने साफ कहा कि 26 अगस्त को दोपहर 12 बजे ही यात्रा रोक दी गई थी, जबकि बादल फटने की घटना दोपहर 2:40 बजे हुई.

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श्राइन बोर्ड ने कहा कि वह इस दुखद घड़ी में मृतकों के परिजनों के साथ खड़ा है (File Photo-PTI)
श्राइन बोर्ड ने कहा कि वह इस दुखद घड़ी में मृतकों के परिजनों के साथ खड़ा है (File Photo-PTI)

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (SMVDSB) ने गुरुवार देर रात जारी बयान में उन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि मौसम विभाग की चेतावनियों की अनदेखी कर यात्रा जारी रखी गई और श्रद्धालुओं की सुरक्षा से समझौता हुआ. बोर्ड ने साफ कहा कि 26 अगस्त को दोपहर 12 बजे ही यात्रा रोक दी गई थी, जबकि बादल फटने की घटना दोपहर 2:40 बजे हुई.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक श्राइन बोर्ड ने कहा, “कुछ मीडिया रिपोर्ट्स प्रसारित हो रही हैं जिनमें यह आरोप लगाया जा रहा है कि मौसम की चेतावनियों को नजरअंदाज कर यात्रा जारी रखी गई. बोर्ड इन आरोपों को पूरी तरह निराधार और झूठा बताते हुए स्पष्ट करना चाहता है कि सभी जरूरी सावधानियां बरती गई थीं."

34 श्रद्धालुओं की मौत, 18 घायल

बता दें कि 26 अगस्त को त्रिकुटा की पहाड़ियों के कटरा बेल्ट में अधकुंवारी के पास बादल फटने से भीषण भूस्खलन हुआ. इसमें 34 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 18 लोग घायल हुए.

बोर्ड ने कहा कि 26 अगस्त की सुबह तक मौसम पूरी तरह साफ और यात्रा के अनुकूल था. यहां तक कि उस समय हेलीकॉप्टर सेवाएं भी सुचारू रूप से चल रही थीं. जैसे ही मध्यम बारिश का अलर्ट मिला, रजिस्ट्रेशन तुरंत रोक दिया गया और दोपहर 12 बजे यात्रा स्थगित कर दी गई. अधिकांश श्रद्धालु दर्शन कर कटरा की ओर लौट चुके थे.

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सुरक्षित जगहों पर रुके थे श्रद्धालु

बोर्ड ने बताया कि रास्ते में बने शेड्स और विश्राम स्थलों पर कई श्रद्धालु रुके हुए थे. यह वे स्थान हैं जिन्हें सुरक्षित घोषित किया गया है और जहां पहले कभी भूस्खलन नहीं हुआ. वहीं, नया ट्रैक (तारकोटे मार्ग) पहले से ही 24 अगस्त को बंद कर दिया गया था, क्योंकि यह रास्ता भूस्खलन के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है.

अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदा

बयान में कहा गया कि हादसा पुराने ट्रैक पर इंदरप्रस्थ भोजनालय के पास हुआ, जो सामान्यतः सुरक्षित इलाका है. लेकिन अचानक बादल फटने से करीब 50 मीटर का हिस्सा प्रभावित हुआ. "इस जगह पर पहले कभी भूस्खलन नहीं हुआ था. यह पूरी तरह अप्रत्याशित और मानव नियंत्रण से बाहर की घटना थी," बोर्ड ने कहा.

रेस्क्यू और राहत कार्य

घटना के तुरंत बाद श्राइन बोर्ड की डिजास्टर मैनेजमेंट टास्क फोर्स ने जिला प्रशासन, पुलिस, सीआरपीएफ, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया. घायलों को पहले ट्रैक पर प्राथमिक उपचार दिया गया और फिर उन्हें बोर्ड के काकड़याल स्थित सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ले जाया गया.

बोर्ड ने कहा कि वह इस दुखद घड़ी में मृतकों के परिजनों के साथ खड़ा है और हर संभव सहायता दी जाएगी. घायलों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है और उनकी जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना की गई है.

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