पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की 45 सदस्यीय टीम कश्मीर घाटी पहुंच चुकी है. जांच की कमान IG, DIG और SP स्तर के अधिकारियों के पास है, जबकि टीम में 7 DSP भी शामिल हैं. ये टीमें पहलगाम, बैसरन और श्रीनगर में जांच कर रही हैं. सभी केंद्रीय और राज्य एजेंसियां NIA की मदद कर रही हैं.
जांच के दौरान ये सामने आया है कि 2 आतंकी पेड़ों के पीछे से एक तरफ से आए थे और पूरी रणनीति के साथ हमला किया गया. जब हमलावरों ने गोलीबारी शुरू की तो वे जानते थे कि लोग घबराकर एंट्री और एग्जिट पॉइंट की ओर भागेंगे. इसी रणनीति के तहत दोनों आतंकी एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर खड़े हो गए और एक पल में 7 लोगों को मार डाला.
घटनास्थल (बैसरन घाटी) से जांच टीम ने 40 कारतूस बरामद किए हैं. साथ ही चश्मदीदों के बयान और घटनास्थल से मिले वीडियो फुटेज की गहनता से जांच की जा रही है, ताकि हमलावरों की पहचान हो सके.
फिलहाल हिरासत में रहेगा मुजम्मिल
वहीं, पुणे से वायरल एक वीडियो में दावा किया गया था कि आतंकी बेताब वैली में दिखे हैं, जो कि पूरी तरह से गलत है, जांच में पाया गया कि वीडियो में जो दो लड़के लड़कियों के पीछे दिख रहे हैं, वे स्थानीय निवासी हैं और उनका हमले से कोई संबंध नहीं है. इस बीच मुजम्मिल नाम के युवक को फिलहाल हिरासत में ही रखा गया है. अब तक उसके आतंकी हमले में सीधे तौर पर शामिल होने के प्रमाण नहीं मिले हैं, लेकिन उससे लगातार पूछताछ जारी रहेगी.
45 से ज्यादा लोगों से पूछताछ कर रही टीम
NIA की टीम ने बैसरन घाटी में मौदूज सभी दुकानदारों, पोन्नी गाइड के 45 से ज्यादा लोगों से पूछताछ कर रही है. एनआईए के शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि आतंकवादियों द्वारा 'मोबाइल पेड एप्लीकेशन' का इस्तेमाल किया जा रहा है. वे पाकिस्तान में अपने हैंडलर से 'पेड एन्क्रिप्टेड मोबाइल' कम्यूनिकेश के जरिए से बात कर रहे हैं. एजेंसी का कहना है कि ISI पाकिस्तान में बैठे कश्मीरी आतंकवादियों को अपने हैंडलर के रूप में इस्तेमाल कर रही है. इस मामले में आदिल थोकर के शामिल होने के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि हमले में स्थानीय लोगों का भी समर्थन था, क्योंकि 6 महीने पहले आदिल को दक्षिण कश्मीर में देखा गया था. हालांकि, बाद में जानकारी मिली थी कि वह पाकिस्तान वापस लौट गया है.
सेना को कार्रवाई की खुली छूट
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ एक अहम बैठक की. 90 मिनट चली बैठक में आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के लिए प्रधानमंत्री ने सेनाओं को खुली छूट दे दी है. बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजित डोभाल, सीडीएस अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद रहे. इस हाईलेवल मीटिंग में प्रधानमंत्री ने बड़े और कड़े एक्शन को हरी झड़ी दिखा दी.