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दिल्ली ब्लास्ट के बाद से लापता हुआ कश्मीर का डॉक्टर निसार-उल-हसन, पहले भी देशविरोधी गतिविधियों में हो चुका है बर्खास्त

रेड फोर्ट ब्लास्ट के बाद कश्मीर के डॉक्टर निसार-उल-हसन लापता हो गए हैं. वे पहले देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में 2023 में नौकरी से बर्खास्त किए गए थे. जांच में सामने आया है कि फरीदाबाद की एक यूनिवर्सिटी में वे प्रोफेसर के रूप में काम कर रहे थे, जो पहले से ही ब्लास्ट मामले में जांच के दायरे में है.

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दिल्ली ब्लास्ट के बाद से लापता हुआ कश्मीर का डॉक्टर (Photo:  Mir Fareed/ITG)
दिल्ली ब्लास्ट के बाद से लापता हुआ कश्मीर का डॉक्टर (Photo: Mir Fareed/ITG)

दिल्ली के रेड फोर्ट के पास हुए धमाके की जांच में एक और कश्मीरी डॉक्टर का नाम सामने आया है. डॉक्टर निसार-उल-हसन, जिन्हें पहले देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में बर्खास्त किया गया था, अब धमाके के बाद से लापता हैं.

निसार-उल-हसन फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत थे. यह वही यूनिवर्सिटी है जो पहले से ही दिल्ली ब्लास्ट जांच के दायरे में है. जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या विश्वविद्यालय से जुड़े कुछ लोग आतंकी नेटवर्क के संपर्क में थे.

धमाके के बाद से लापता हुआ डॉक्टर

डॉ. निसार-उल-हसन को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने नवंबर 2023 में अनुच्छेद 311(2)(c) के तहत सेवा से बर्खास्त किया था. यह प्रावधान राज्य की सुरक्षा से जुड़े मामलों में बिना विभागीय जांच के सरकारी कर्मचारी को बर्खास्त करने की अनुमति देता है. उस समय वे श्री महाराजा हरि सिंह (SMHS) हॉस्पिटल, श्रीनगर में असिस्टेंट प्रोफेसर थे.

बर्खास्तगी के आदेश में लिखा था कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को यह संतोष हुआ कि डॉ. निसार की गतिविधियां राज्य की सुरक्षा के खिलाफ हैं और जांच करना राज्यहित में उचित नहीं है.

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लालकिले मेट्रो स्टेशन के पास हुए विस्फोट में कई लोगों की मौत हुई और दो दर्जन से अधिक घायल हुए थे. जांच एजेंसियों का मानना है कि यह साजिश पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़ी हो सकती है. इस योजना में दिल्ली के कई महत्वपूर्ण स्थानों को निशाना बनाया जाना था.

लालकिले मेट्रो स्टेशन के पास हुआ था विस्फोट

एजेंसियों के मुताबिक, इस नेटवर्क का उद्देश्य धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक जगहों पर हमले कर साम्प्रदायिक तनाव फैलाना था. फिलहाल डॉ. निसार-उल-हसन का कोई सुराग नहीं मिला है और जांच जारी है.

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