Cloudburst in Chishoti of Kishtwar caused massive destruction Kishtwar Cloudburst Live Updates: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में गुरुवार को मचैल माता मंदिर के पास कुदरत ने कहर बरपाया. यहां बादल फटने से 46 लोगों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों लोगों को अब तक रेस्क्यू किया गया है. ये हादसा हिमालय स्थित माता चंडी के मंदिर की यात्रा के दौरान चिशोती इलाके में हुआ. घटना की जानकारी मिलते ही राहत और बचाव दल मौके पर भेज दिए गए और बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है.
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि चिशोती में हुई घटना काफी ज्यादा जनहानि का कारण बन सकती है, उन्होंने कहा कि प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया है और बचाव टीमें मौके पर रवाना कर दी गई हैं.
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सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो और तस्वीरों में यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाते हुए देखा जा सकता है. बता दें कि चिशोती वो जगह है जहां से मचैल माता यात्रा की शुरुआत होती है. हर अपडेट के लिए पढ़ते रहिए aajtak.in
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किश्तवाड़ में बादल फटने से अब तक 44 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें CISF के 2 जवान भी शामिल हैं. इस हादसे में 120 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जबकि 220 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं. भारी बारिश से आई अचानक बाढ़ और मलबे ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई.
किश्तवाड़ हादसे में जान गंवाने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. कुदरत के कहर ने अब तक 33 लोगों की जान ले ली है. जान गंवाने वालों में CISF के 2 जवान भी शामिल हैं. जबकि 120 लोग घायल हो गए हैं. प्रशासन ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य जारी है और घटना से जुड़ी अन्य जानकारी जुटाई जा रही है. (इनपुट- कमलजीत)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने और बाढ़ की घटना पर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि इस आपदा से प्रभावित सभी लोगों के साथ उनकी संवेदनाएं हैं. पीएम मोदी ने बताया कि हालात पर कड़ी नजर रखी जा रही है. राहत-बचाव कार्य जारी हैं, उन्होंने भरोसा दिलाया कि जरूरतमंदों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.
किश्तवाड़ में मौजूदा मौसम की स्थिति और चिशोती में बादल फटने से आई बाढ़ को देखते हुए किश्तवाड़ पुलिस और जिला प्रशासन ने पूरे जिले में कंट्रोल रूम और हेल्प डेस्क एक्टिव कर दिए हैं. सभी सब-डिविजन को हाईअलर्ट पर रखा गया है. आपात स्थिति से निपटने के लिए विशेष पुलिस टीमें तैनात की गई हैं, जो इन स्थितियों पर तुरंत कार्रवाई करेंगी.
- भारी बारिश
- अचानक आई बाढ़ (फ्लैश फ्लड)
- भूस्खलन
- सड़कों पर आवाजाही बाधित होना
(इनपुट- सुनील जी भट्ट)
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में लगातार भारी बारिश के कारण मेंढर नदी उफान पर है. और सड़कें पानी से लबालब भर गई हैं.
किश्तवाड़ के चिशोती में बादल फटने की घटना पर जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि ग्लोबल वार्मिंग के मुद्दे को बेहद गंभीरता से लें. यह समस्या पहाड़ी इलाकों में अब बहुत आम हो गई है. इसे रोकने के लिए किसी न किसी तरीके पर विचार करना ही होगा. इसलिए मैं उनसे अपील करता हूं कि इस दुख की घड़ी में यह सोचें कि इसका समाधान कैसे निकाला जा सकता है.
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने किश्तवाड़ में बादल फटने से आई अचानक बाढ़ के बाद प्रभावित लोगों और तीर्थयात्रियों की मदद के लिए कंट्रोल रूम cum हेल्प डेस्क स्थापित किया है. अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में 17 लोगों की मौत हो चुकी है और मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. कंट्रोल रूम पड्डर में बनाया गया है, जो चिशोती गांव से करीब 15 किलोमीटर दूर है, जहां यह आपदा आई थी.
कंट्रोल रूम के लिए 4 अधिकारियों को ड्यूटी पर लगाया गया है. सहायता के लिए ये नंबर जारी किए गए हैं.
9858223125, 6006701934, 9797504078, 8492886895, 8493801381, 7006463710
इसके अलावा, जिला कंट्रोल रूम के नंबर 01995-259555 और 9484217492 हैं, जबकि किश्तवाड़ पुलिस कंट्रोल रूम का नंबर 9906154100 है.
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को किश्तवाड़ में बादल फटने के बाद की स्थिति की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हालात गंभीर हैं और प्रभावित इलाके से सटीक जानकारी धीरे-धीरे मिल रही है.अधिकारियों के मुताबिक चिशोती में बादल फटने से 17 लोगों की मौत हो गई और व्यापक नुकसान हुआ है.
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने X पर पोस्ट कर कहा कि मैंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह साहब से बात कर किश्तवाड़ में हालात के बारे में बताया.खबरें गंभीर हैं और बादल फटने से प्रभावित क्षेत्र से पुख्ता जानकारी धीरे-धीरे आ रही है. बचाव अभियान के लिए जम्मू-कश्मीर के भीतर और बाहर से सभी संसाधन जुटाए जा रहे हैं. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह टीवी चैनलों या न्यूज एजेंसियों से बातचीत नहीं करेंगे. सरकार समय-समय पर संभव होने पर जानकारी साझा करेगी.
बता दें कि यह आपदा दोपहर 12 से 1 बजे के बीच उस समय आई, जब मचैल माता यात्रा के लिए बड़ी संख्या में लोग एकत्र थे.
जिस इलाके में आपदा आई है, वहां रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इस गांव में आबादी काफी ज्यादा है, बादल फटने की घटना के बाद आधे से ज्यादा गांव बह गया है. रास्ते तबाह हो गए हैं, जिससे रेस्क्यू टीमों को मौके पर पहुंचने में बेहद मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.
किश्तवाड़ में बादल फटने से चिशोती इलाका तबाह हो चुका है. हादसे में अब तक 15 लोगों की मौत हो गई है. सैलाब में CISF के एक जवान का शव मिला है. जबकि सीआईएसएफ के तीन जवान अभी भी लापता बताए जा रहे है.
किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज शर्मा ने घटना प्रभावित क्षेत्र में बचाव कार्य शुरू होने की पुष्टि की है. आपदा के बाद प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है.

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में मचैल माता मंदिर के पास कुदरत ने कहर बरपाया. यहां बादल फटने से 15 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 लोगों को अब तक रेस्क्यू किया गया है. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि चिशोती में हुई घटना काफी ज्यादा जनहानि का कारण बन सकती है, उन्होंने कहा कि प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया है और बचाव टीमें मौके पर रवाना कर दी गई हैं.
जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के नेता प्रतिपक्ष और स्थानीय विधायक सुनील कुमार शर्मा का संदेश मिलने के बाद मैंने किश्तवाड़ के डीसी पंकज कुमार शर्मा से बात की है. चिशोती में भीषण बादल फटने से भारी जनहानि की आशंका है. प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है, बचाव दल मौके पर पहुंच रहे हैं. नुकसान का आकलन और राहत-चिकित्सा प्रबंध किए जा रहे हैं.