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J&K: किश्तवाड़ के बाद अब कठुआ में बादल फटा, 7 लोगों की मौत, मलबे में दबे कई घर

जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के घाटी क्षेत्र में बादल फटने की घटना सामने आई है. जानकारी के मुताबिक, कई घर मलबे और बाढ़ के पानी में डूब गए हैं. जम्मू-पठानकोट नेशनल हाइवे को भी नुकसान पहुंचने की रिपोर्ट है. राहत और बचाव कार्य के लिए रेस्क्यू टीम मौके पर मौजूद है और हालात को संभालने की कोशिशें जारी हैं. इससे पहले किश्तवाड़ में भी बादल फटने की घटना हुई थी.

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किश्तवाड़ के बाद अब कठुआ में बादल फटने की घटना सामने आई है. (Photo- ITG)
किश्तवाड़ के बाद अब कठुआ में बादल फटने की घटना सामने आई है. (Photo- ITG)

जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में भारी बारिश के बीच बादल फटने की घटना सामने आई है. घाटी क्षेत्र में बादल फटने से कई घर मलबे और बाढ़ के पानी में दब गए. जम्मू-पठानकोट नेशनल हाइवे को भी नुकसान की रिपोर्ट है. राहत और बचाव कार्य के लिए रेस्क्यू टीम मौके पर मौजूद है और सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. अब तक सात लोगों को मारे जाने की पुष्टि हुई है, जिसमें पांच नाबालिग हैं.

अधिकारियों ने बताया कि शनिवार और रविवार की दरमियानी रात कठुआ जिले के राजबाग इलाके के जॉड घाटी गांव में बादल फटा. इस घटना से गांव का बाकी इलाकों से संपर्क टूट गया और जमीन और संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है. हालांकि शुरुआत में किसी जनहानि की रिपोर्ट नहीं थी, लेकिन बाद में सात लोगों की मौत और छह लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आई है.

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पुलिस और SDRF की संयुक्त टीम को तुरंत गांव भेजा गया. अधिकारियों ने कहा कि स्थिति की निगरानी की जा रही है. आजतक के रिपोर्टर सुदर्शन भार्गव ने ग्राउंडजीरो पर पहुंचर बताया कि किस तरह बादल फटने से तबाही हुई है. लोगों के घरों में मलबा जमा हो गया है और आसपास के वाहन भी मलबे में दब गए हैं.

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इनके अलावा, कठुआ पुलिस स्टेशन में पड़ने वाले बगार्ड और चंगड़ा गांवों और लखनपुर पुलिस स्टेशन के तहत दिलवान-हुटली क्षेत्र में भी भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ. हालांकि, यहां किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है.

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जताया दुख

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कठुआ के कई हिस्सों, जिनमें जौध खड्ड और जुठाना शामिल हैं, में हुए भूस्खलनों से हुई जनहानि और नुकसान पर गहरा दुःख जाहिर किया है. इस घटना में 4 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए हैं. उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना जताई, घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया. मुख्यमंत्री ने प्रशासन को तुरंत राहत, रेस्क्यू और निकासी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं, ताकि प्रभावित परिवारों की सुरक्षा और सहयोग सुनिश्चित किया जा सके.

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भारी बारिश से अधिकांश जल स्रोतों का जलस्तर अचानक बढ़ गया है. उझ नदी भी खतरे के निशान के करीब बह रही है. जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षा के लिए जल स्रोतों से दूर रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें.

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गौरतलब है कि इससे पहले किश्तवाड़ जिले के चसोटी में भी बादल फटने की घटना हुई थी, जिसमें कमोबेश 65 लोगों की मौत हो गई.

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