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जम्मू-कश्मीर में भाषा विवाद गहराया, कांग्रेस बोली- हमारे समय में उर्दू न जानने वालों को भी नौकरी मिली

कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला ने आजतक से बातचीत में कहा कि ये भर्ती विज्ञापन जम्मू के युवाओं के साथ अन्याय है. उन्होंने इसके लिए बीजेपी पर ठीकरा फोड़ा. साथ ही कहा कि बीजेपी युवाओं के भविष्य से खेल रही है. अगर हमारी सरकार होती, तो हम न्याय सुनिश्चित करते.

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कांग्रेस नेता रमन भल्ला (फाइल फोटो)
कांग्रेस नेता रमन भल्ला (फाइल फोटो)

जम्मू-कश्मीर में नायब तहसीलदार की भर्ती में अनिवार्य उर्दू की शर्त को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. इस मुद्दे पर कांग्रेस ने खुलकर जम्मू क्षेत्र के युवाओं का समर्थन किया है. साथ ही भाजपा को कटघरे में खड़ा किया है.

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कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला ने आजतक से बातचीत में कहा कि ये भर्ती विज्ञापन जम्मू के युवाओं के साथ अन्याय है. उन्होंने इसके लिए बीजेपी पर ठीकरा फोड़ा. साथ ही कहा कि बीजेपी युवाओं के भविष्य से खेल रही है. अगर हमारी सरकार होती, तो हम न्याय सुनिश्चित करते.

रमन भल्ला ने अपने कार्यकाल का दिया हवाला और कहा कि जब वह खुद राजस्व मंत्री थे, तो उर्दू न जानने वाले युवाओं को भी नौकरी दी गई थी. उन्होंने कहा कि हमने भाषा को बाधा नहीं बनने दिया. योग्य युवाओं को मौका दिया. 

बता दें कि जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (JKSSB) द्वारा नायब तहसीलदार के 75 पदों के लिए शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया विवादों में घिर गई है. इसमें उर्दू भाषा की अनिवार्यता और आरक्षण के नियमों को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं.

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जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (JKSSB) ने राजस्व विभाग में नायब तहसीलदार के 75 रिक्त पदों को भरने के लिए एक विज्ञापन जारी किया है. इन पदों के लिए चयन प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसमें सामान्य वर्ग (General Category) के उम्मीदवारों के लिए मात्र 30 पद आरक्षित किए गए हैं. JKSSB के अनुसार इन पदों के लिए उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा में उनके प्रदर्शन और योग्यता (मेरिट) के आधार पर किया जाएगा. लिखित परीक्षा की विस्तृत जानकारी और तारीखें बाद में अलग से अधिसूचित की जाएंगी.

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