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हिमाचल में बादल फटने और फ्लैश फ्लड से भारी तबाही, NDRF-SDRF ने संभाला रेस्क्यू अभियान का मोर्चा

पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से हिमाचल प्रदेश में तबाही सी मची हुई है. इसमें मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है और यहां बादल फटने की कुल 10 घटनाएं सामने आई हैं. मंडी जिले में चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है.

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हिमाचल प्रदेश के मंडी में भारी बारिश के बाद उफनती ब्यास नदी
हिमाचल प्रदेश के मंडी में भारी बारिश के बाद उफनती ब्यास नदी

हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश ने तबाही मचा दी है. सबसे बुरे हालात मंडी जिले के हैं जहां बादल फटने (Cloudbursts) की 10 घटनाएं दर्ज की गई हैं. इसके चलते जानमाल का भारी नुकसान हुआ है और सामान्य जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है.

प्रदेशभर में फ्लैश फ्लड की चार घटनाएं और कई भूस्खलन (landslides) की घटनाएं सामने आई हैं. मंडी स्थित पंडोह डैम से इस वर्ष का सबसे अधिक 1,57,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है. एहतियात के तौर पर सभी प्रभावित क्षेत्रों में स्कूल और शैक्षणिक संस्थानों को दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया है.

जानमाल का नुकसान 
मंडी जिले में चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है जिसमें से करसोग, जोगिंदरनगर और गोहर उपमंडलों में एक-एक मौत हुई हैजबकि गोहर में दो लोगों की जान गई है. इसके अलावा 16 लोग लापता हैं और 4 लोग घायल बताए जा रहे हैं.

गोहर के सियांज गांव में 9 लोग फंसे हुए हैं, जिनकी तलाश जारी है. आपातकालीन सेवाएं प्रभावित निवासियों को निकालने और बचाने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही हैं. अब तक 287 लोगों को बचाया गया, जिनमें मंडी से 233, हमीरपुर से 51 और चंबा से 3 लोग शामिल हैं.

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यह भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश: मंडी में कुदरत का कहर, बादल फटने से आई 2023 की त्रासदी की याद

इस आपदा में मवेशियों का भी नुकसान हुआ है और अब तक 26 पशुओं की मौत हुई है. 10 मकान और 12 गौशालाएं ध्वस्त हो गई हैं. उप-मंडल बाली चौकी में मंगलौर पुल जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचा है. एनएच-305 पर टनल नंबर 11 और 13 भूस्खलन से बंद हो गई हैं, जिससे राहत सामग्री पहुंचाने में परेशानी आ रही है.

बचाव और राहत अभियान
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) ने प्रभावित क्षेत्रों में दो-दो टीमें तैनात की हैं. करसोग में एनडीआरएफ की टीम पहले से मौजूद है, जबकि अन्य टीमें गोहर और थुनाग में भेजी गई हैं. प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें, अफवाहों से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें.

अधिकारियों का कहना है कि स्थिति पर बारीकी से नज़र रखी जा रही है और जिला-स्तरीय आपातकालीन केंद्रों से आगे की जानकारी का इंतज़ार किया जा रहा है.

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