हरियाणा के वरिष्ठ IPS वाई पूरन कुमार की खुदकुशी मामले में 9 पेज का सुसाइड नोट मिलने के बाद अब पुलिस उनके परिवार के लोगों और रिश्तेदारों से पूछताछ की तैयारी कर रही है. अपने सुसाइड नोट में मरने से पहले वाई पूरन कुमार ने 15 सेवारत और पूर्व IAS-IPS अधिकारियों पर सार्वजनिक रूप से भेदभाव और अपमानित करने जैसे कई संगीन आरोप लगाए हैं.
विदेश दौरे से लौटीं पत्नी ने नहीं दी पोस्टमार्टम की अनुमति
इसके बाद IPS वाई पूरन कुमार की आईएएस पत्नी अमनपीत पी कुमार ने आधिकारिक विदेश दौरे से लौटते ही पति का पोस्टमार्टम रुकवा दिया और इसकी अनुमति देने से भी इनकार कर दिया. आईएएस अमनपीत पी कुमार ने सीधे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को फोन लगा दिया और पति द्वारा सुसाइड नोट में जिन अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है उनकी जवाबदेही तय करने की मांग की.
IAS पत्नी ने की सीएम से जवाबदेही तय करने की मांग
बता दें कि 7 अक्टूबर को आईपीएस पूरन कुमार ने चंडीगढ़ में अपने घर के बेसमेंट खुद को गोली मारकर जान दे दी थी. खुदकुशी करने से पहले उन्होंने सुसाइड नोट में 15 सेवारत और पूर्व आईपीएस-आईएस अधिकारियों पर जाति आधिरत भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न और अत्याचार का आरोप लगाया था. सुसाइड नोट के शुरुआती 8 पन्नों में उन्होंने जाति आधारित भेदभाव और अपमान के बारे में बताया है जिसमें चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी से लेकर डीजीपी शत्रुजीत कूपर तक का नाम शामिल है.
उनका सुसाइड नोट सामने आने के बाद अब उनकी आईएएस पत्नी अमनपीत पी कुमार ने विदेश दौरे से लौटने ही आरोपियों की जवाबदेही तय करने की मांग को लेकर पोस्टमार्टम रुकवा दिया और चंडीगढ़ के सेक्टर 11 पुलिस स्टेशन में राज्य के डीजीपी और रोहतक के एसपी के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई है.
हर जगह शिकायत कर थक गए थे पूरन कुमार ?
पूरन कुमार ने सुसाइड नोट में आरोप लगाया है कि उनके बैचमेट मनोज यादव, पी.के. अग्रवाल और टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने मिलकर उनके साथ जाति-आधारित उत्पीड़न किया. उन्होंने लिखा कि इसको लेकर तत्कालीन गृह मंत्री से इसकी लिखित शिकायत भी की थी, मगर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. यहां तक कि मौजूदा मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी को भी उन्होंने विस्तार से इस अत्याचार के बारे में अवगत कराया, लेकिन उनकी शिकायत को दरकिनार कर दिया गया.
IPS अधिकारी कुलविंदर सिंह के बारे में पूरन कुमार ने सुसाइड नोट में लिखा कि 8 नवंबर 2024 को उन्होंने फोन पर उन्हें यह चेतावनी दी थी कि “डीजीपी ने एक पुलिस अधिकारी को स्थायी रूप से हटाने का आदेश दिया है.' इसके बाद उन्हें 'सावधान रहने' की धमकी भी दी गई. वहीं, IPS माटा रवि किरण ने उनके प्रति आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया, जिसे कुमार ने अपने अंतिम कदम का प्रमुख कारण बताया.