राजकोट में एक फिल्मी स्टाइल ठगी का मामला सामने आया है, जिसने पुलिस को भी हैरान कर दिया. राजकोट क्राइम ब्रांच ने फर्जी आईपीएस अधिकारी बनकर लोगों से करोड़ों रुपये ठगने वाले मुख्य आरोपी विवेक दवे को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी पर आरोप है कि उसने अपने साथी हरि गमारा के साथ मिलकर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर कुल 2.36 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की.
पुलिस के मुताबिक, विवेक दवे और हरि गमारा ने शिकायतकर्ता के बेटे को पीएसआई की नौकरी दिलाने के लिए 50 लाख रुपये की डील की थी. इस सौदे के तहत 15 लाख रुपये पहले ले लिए गए थे, जबकि बाकी रकम नौकरी का आदेश आने के बाद देने की बात हुई थी. लेकिन जब मेरिट लिस्ट में नाम नहीं आया तो शिकायतकर्ता ने पैसे वापस मांगे. इस पर विवेक ने 14 लाख रुपये लौटा दिए.
सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 2.36 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी
कुछ महीनों बाद हरि गमारा ने फिर संपर्क किया और बेटे को डीएसपी बनाने के लिए 2.36 करोड़ रुपये की मांग की. शिकायतकर्ता ने इस भरोसे में आकर 1.89 करोड़ रुपये दे दिए. इसके बावजूद कोई आदेश नहीं आया. जब पैसे वापस मांगे गए तो केवल 88 लाख रुपये लौटाए गए, बाकी रकम नहीं दी गई. इसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई.
विवेक दवे का तरीका बेहद शातिराना था. वह असली आईपीएस अधिकारी की तरह खाकी वर्दी पहनकर सामाजिक कार्यक्रमों में जाता था और खुद को बड़ा पुलिस अधिकारी बताता था. इसी वर्दी और रुतबे के दम पर वह लोगों को आसानी से अपने जाल में फंसा लेता था.
पुलिस ने फर्जी आईपीएस को गिरफ्तार किया
मामले का खुलासा तब हुआ जब पुलिस को एक वीडियो मिला, जिसमें शिकायतकर्ता आरोपी को पैसे देता दिख रहा है. इसी सबूत के आधार पर क्राइम ब्रांच ने जाल बिछाकर विवेक दवे को गिरफ्तार किया. पुलिस को आशंका है कि इस ठगी के और भी पीड़ित हो सकते हैं. फरार आरोपी हरि गमारा की तलाश जारी है.