गुजरात के मोरबी में केबल ब्रिज टूटने पर 134 लोगों की मौत के बाद अब प्रशासन अलर्ट हो गया है. अहमदाबाद नगर निगम ने अटल ब्रिज पर जाने वाले लोगों की लिमिट तय कर दी गई है. अब इस पुल पर एक साथ सिर्फ 3 हजार लोग ही जा सकेंगे. बता दें कि इस ब्रिज का उद्घाटन 27 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था.
अटल ब्रिज को साबरमती नदी पर एलिस ब्रिज और सरदार ब्रिज के बीच बनाया गया है. यह एक फुट ओवर ब्रिज है. इसे 74 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया है. इसे पैदल यात्री और साइकिल सवार पूर्व और पश्चिम तट के बीच आने-जाने के लिए इस्तेमाल करते हैं. अहमदाबाद शहर को इससे नई पहचान मिली है. अहमदाबाद के लोग बिना ट्रैफिक के यहां शांत वातावरण में रिवरफ्रंट का आनंद लेने के लिए आते हैं.
अटल फुटओवर ब्रिज की कुल लंबाई 300 मीटर, इंटरमीडिएट स्पैन 100 वर्ग मीटर है. पुल की चौड़ाई की बात करें तो सिरों पर 10 मीटर और पुल के बीच में 14 मीटर चौड़ाई है. डिजाइन के लिहाज से देखें तो पुल में 2600 टन वजन के लोहे के पाइप स्ट्रक्चर, रंगीन छतलकड़ी का फर्श, ग्रेनाइट फर्श, प्लांटर्स, स्टेनलेस स्टील और कांच की रेलिंग आकर्षण का केंद्र है.
143 साल पुराना था ब्रिज
मोरबी में हुए ब्रिज हादसे के बाद अब तक पुल से जुड़े कई खुलासे हो चुके हैं. सामने आया है कि मोरबी का 765 फुट लंबा और 4 फुट चौड़ा पुल 143 साल पुराना था. इस पुल का उद्घाटन 1879 में किया गया था. इस केबल ब्रिज को 1922 तक मोरबी में शासन करने वाले राजा वाघजी रावजी ने बनवाया था. वाघजी ठाकोर ने पुल बनाने का फैसला इसलिए लिया था, ताकि दरबारगढ़ पैलेस को नजरबाग पैलेस से जोड़ा जा सके.
सांसद के 12 रिश्तेदारों की जान गई
हादसे में मारे गए लोगों में ज्यादातर छोटे बच्चे हैं. राजकोट से लोकसभा सांसद मोहन कुंदरिया के 12 रिश्तेदार भी इस हादसे में मारे गए. कुंदरिया ने न्यूज एजेंसी को बताया कि हादसे में उनके बड़े भाई के साले की चार बेटियां, उनमें से तीन के पति और 5 बच्चे मारे गए हैं.
युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ की 5 टीम, एसडीआरएफ की 6 प्लाटून, वायुसेना की एक टीम, सेना के दो कॉलम और नौसेना की दो टीमें लगी हैं. इनके अलावा स्थानीय लोग भी रेस्क्यू ऑपरेशन में साथ दे रहे हैं.