गुजरात में आम आदमी पार्टी को लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है. आज पार्टी के विधायक भूपत भायानी ने पार्टी और विधायक पद से इस्तीफा दिया है. भूपत भायानी ने कहा कि सिर्फ और सिर्फ राष्ट्रवादी विचारधारा के चलते उन्होंने आम आदमी पार्टी को छोड़ने का फैसला किया है और अपने मत क्षेत्र की जनता से चर्चा करने के बाद यह फैसला किया है.
बता दें कि अभी विधानसभा चुनाव को सिर्फ एक ही साल हुआ है, तब विधायक के पार्टी छोड़ने से आप की लोकसभा चुनाव की तैयारी को भी बड़ा झटका लगा है, क्योंकि आम आदमी पार्टी गुजरात में INDIA गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. भूपत भायानी का कहना है कि वह पहले बीजेपी में ही थे और राष्ट्रवाद के विचारधारा से जुड़े थे, आज भी वह राष्ट्रवाद की विचारधारा की वजह से ही आम आदमी पार्टी छोड़कर भाजपा ज्वाइन करने वाले हैं.
पार्टी चहेगी तो फिर लड़ेंगे चुनाव
भयानी का कहना है कि वह पीएम मोदी के खिलाफ नहीं रह सकते और राष्ट्रवादी विचारधारा से हैं. इसीलिए आम आदमी पार्टी छोड़ने का फैसला किया है, हालांकि वह भाजपा कब ज्वाइन करेंगे उसके बारे में उन्होंने स्पष्ट नहीं की पर जुड़ेंगे यह बात स्वीकार की. उन्होंने कहा कि अगर पार्टी चाहेगी तो वह फिर एक बार चुनाव लड़ेंगे.
एक साल बाद दे दिया इस्तीफा
भूपत भायानी 14 साल भाजपा में रहे और 2022 के चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी का दामन थामा था. फिर आम आदमी पार्टी के टिकट पर वीसावदर बैठक से चुनाव लड़ा और जीतकर विधायक बने. चुनाव जीतने के एक सप्ताह के भीतर उनके इस्तीफे की चर्चा शुरू हो गई, लेकिन उन्होंने यह कह कर बात टाल दी कि मैं मेरी जनता से परामर्श के बाद कोई फैसला लूंगा और अब 1 साल के बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया. अब गुजरात विधानसभा में आम आदमी पार्टी के चार विधायक बचे हैं, जिन पर भी लोकसभा चुनाव से पहले दबाव रहेगा.
फिर खंडित हुई गुजरात विधानसभा
भयानी ने बुधवार सुबह 10:45 बजे विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी को अपना इस्तीफा सौंपा. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आज उन्होंने खुद आकर मुझे इस्तीफा दिया है, जिसे स्वीकार किया गया. विधायक के इस्तीफे से फिर एक बार गुजरात विधानसभा खंडित हुई है. पिछले कई दशकों से गुजरात विधानसभा में 182 विधायक पूर्ण समय तक नहीं रहते. हर बार किसी विधायक की मृत्यु या फिर तोड़-जोड़ के कारण यह खंडित होती है.