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सूरत में फर्जी वीजा बनाने वाले गैंग का भंडाफोड़, नकली स्टीकर के साथ हॉलमार्क वाले कागज जब्त

सूरत पुलिस ने पीसीबी और एसओजी की संयुक्त कार्रवाई में अडाजण इलाके से प्रतीक शाह को गिरफ्तार कर नकली वीजा बनाने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया. आरोपी ने पिछले दस साल में करीब 700 फर्जी वीज़ा स्टिकर बनाए. पुलिस ने मौके से लैपटॉप, प्रिंटर, हॉलमार्क वाले कागज और 1.30 लाख रुपये मूल्य का सामान जब्त किया.

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फर्जी वीजा बनाने वाले गैंग का भंडाफोड़ (Photo: Screengrab)
फर्जी वीजा बनाने वाले गैंग का भंडाफोड़ (Photo: Screengrab)

सूरत शहर पुलिस की पीसीबी और एसओजी टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए अडाजण इलाके से एक बड़े फर्जी वीजा रैकेट का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने आरोपी प्रतीक उर्फ अभिजीत नीलेश शाह को गिरफ्तार कर उसके ठिकाने से नकली वीजा स्टिकर बनाने का पूरा सेटअप जब्त किया.

पुलिस को जांच में पता चला कि आरोपी पिछले दस वर्षों से यह धंधा कर रहा था और अब तक करीब 700 फर्जी वीजा स्टिकर बना चुका है. वह एक स्टिकर बनाने के लिए 15 हजार रुपये लेता था. पुलिस को संदेह है कि इन स्टिकर्स की मदद से कई लोग विदेश भी गए हैं.

फर्जी वीजा रैकेट का भंडाफोड़

छापेमारी के दौरान पुलिस ने आरोपी के फ्लैट से पांच देशों के वीजा स्टिकर, लैपटॉप, दो कलर प्रिंटर, हॉलमार्क वाले सैकड़ों कागज, यूवी लेजर टॉर्च, एम्बॉसिंग मशीन, मोबाइल फोन और 1 लाख 30 हजार रुपये मूल्य का अन्य सामान बरामद किया.

पूछताछ में सामने आया कि प्रतीक शाह नकली स्टिकर दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा के एजेंटों को बेचता था. पुलिस ने छह एजेंटों के नाम वांछित घोषित किए हैं, जिनमें आनंद निवासी केतन दीपकभाई सरवैया, बैंकॉक निवासी हर्ष और दिल्ली निवासी परमजीत सिंह, अफलाक व सचिन शाह शामिल हैं.

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नकली वीजा स्टिकर बनाने का पूरा सेटअप जब्त

पुलिस का कहना है कि प्रतीक शाह के खिलाफ पहले से ही 12 आपराधिक मामले दर्ज हैं. यह कार्रवाई एसओजी इंस्पेक्टर एपी. चौधरी और पीसीबी इंस्पेक्टर आरएस सुवेरा के नेतृत्व में की गई. पुलिस अब एजेंटों और उन लोगों की तलाश कर रही है, जिन्होंने फर्जी वीज़ा का इस्तेमाल कर विदेश यात्रा की.

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