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यमुना का जलस्तर कुछ घंटों में होगा 207.40 पार, बारिश-जलभराव ने बढ़ाई लोगों की परेशानी

केंद्रीय जल आयोग ने नई एडवाइजरी जारी कर लोगों को चेतावनी दी है कि यमुना का जलस्तर आज रात 8 बजे तक 207.40 मीटर तक पहुंच सकता है. जिससे राजधानी के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है.

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यमुना नदी के खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. तस्वीर दिल्ली के जैतपुर यमुना पुश्ता की है, जहां कि इमारतें पानी में डूबी हुई दिख रही हैं. (Photo: PTI)
यमुना नदी के खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. तस्वीर दिल्ली के जैतपुर यमुना पुश्ता की है, जहां कि इमारतें पानी में डूबी हुई दिख रही हैं. (Photo: PTI)

दिल्ली में बाढ़ के हालात को देखते हुए केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने बुधवार को नई एडवाइजरी जारी की है. आयोग ने चेतावनी दी है कि यमुना का जलस्तर आज रात 8 बजे तक 207.40 मीटर तक पहुंच सकता है. यह स्तर खतरे के निशान के काफी करीब है, जिससे राजधानी के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है.

फिलहाल यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और पानी कई निचले इलाकों की ओर बढ़ रहा है. प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और नदी किनारे रहने वाले परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है. इसके अलावा, राहत-बचाव टीमें भी अलर्ट मोड पर हैं.

एडवाइजरी में कहा गया है कि रात 8 बजे के बाद भी जलस्तर में वृद्धि, गिरावट या स्थिरता बनी रह सकती है. हालांकि, आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह पूर्वानुमान वजीराबाद और ओखला बैराज से छोड़े गए पानी की मात्रा के आधार पर और प्रभावित हो सकता है.

बारिश ने बढ़ाई मुसीबत

केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में ऊपरी राज्यों में भारी बारिश हुई है, जिससे यमुना में पानी का प्रवाह तेजी से बढ़ा है. मौसम विभाग ने भी अगले दो दिनों तक बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.

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लोगों को शिफ्ट करने की हो रही तैयारी

दिल्ली सरकार ने कहा है कि यमुना के किनारे बसे इलाकों से लोगों को शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है. बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24 घंटे काम कर रहा है और हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं.

बाढ़ की स्थिति के बीच बुधवार को दिल्ली के PWD मंत्री प्रवेश वर्मा ने आईटीओ बैराज का दौरा किया. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में 2023 वाले हालात नहीं होंगे. लोगों ने यमुना के बीच घर बना लिए है. उनको कई बार वहां से जाने के लिए बोला जाता है, लेकिन लोग नहीं जाते जो लोग यमुना बेल्ट पर रह रहे हैं, उनको रेस्क्यू करके स्कूलों में बनाए कैंप में भेजा जा रहा है.

अगले 24-48 घंटे बेहद महत्वपूर्ण 

एक अधिकारी ने बताया कि सुबह 5 बजे ओल्ड रेलवे ब्रिज पर यमुना का जलस्तर 206.74 दर्ज किया गया. उन्होंने बताया कि हथिनी कुंड बैराज से 1,70,728 क्यूसेक, वजीराबाद बैराज से 1,25,485 क्यूसेक और ओखला बैराज से 1,65,145 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. ये पानी का प्रवाह पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश और ऊपरी क्षेत्रों से आने वाले जल के कारण और तेज हो गया है. अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगले 24-48 घंटे बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि जलस्तर में और बढ़ने की संभावनाएं हैं.

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इन इलाकों में घुसा पानी

यमुना का बढ़ता जलस्तर कई कॉलोनियों में तबाही मचा रहा है. ट्रांस-यमुना क्षेत्र, खासकर मयूर विहार फेज-1, यमुना बाजार और नजफगढ़ क्षेत्र के झरोड़ा कलां गांव में पानी घुस गया है. उधर झरोड़ा कलां में मंगलवार की भारी बारिश के बाद 10 से अधिक लोगों को घुटनों तक पानी में फंसा गए. सूचना मिलने के बाद दिल्ली पुलिस और अन्य बचाव दलों की टीमों ने पानी में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला और नजदीकी सरकारी स्कूल में बनाए राहत शिविर में शरण दी गई. इस घटना के बाद अधिकारी इलाके का तलाशी अभियान शुरू कर दिया है, ताकि कोई भी व्यक्ति फंसा ना रह जाए.

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दिल्ली में बाढ़ग्रस्त इलाकों से निकालकर लोगों को राहत शिविर में शिफ्ट किया गया है. (Photo: PTI)

नाव से लोगों का रेस्क्यू

दिल्ली के निचले इलाकों में पानी घुसने के साथ ही दिल्ली सरकार और प्रशासन ने बचाव अभियान तेज कर दिया है. यमुना के आसपास और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को नावों के जरिए राहत शिविरों और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है, जहां लोगों को खाना, पानी और मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं.

इसके अलावा प्रशासन ने मयूर विहार जैसे निचले इलाकों में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां प्रभावित परिवारों को  शरण दी जा रही है. लोहा पुल और पुराने रेलवे ब्रिज (ORB) क्षेत्र में ड्रोन से ली गई तस्वीरें दिखाती हैं कि यमुना नदी उफान पर है, जिसके कारण यातायात और जनजीवन प्रभावित हुआ है.

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मंगलवार को 206.22 मीटर था जलस्तर

केंद्रीय जल आयोग (CWC) की रिपोर्ट के अनुसार, 2 सितंबर 2025 को शाम 7:00 बजे तक जलस्तर 206.22 मीटर था जो 3 सितंबर की सुबह 5:00 बजे तक 206.74 मीटर हो गया है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि यमुना का जलस्तर और बढ़ सकता है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और गहरा गया है.

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