दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया है. दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने बताया कि इस्तीफा देने के लिए केजरीवाल ने 2 दिन का समय क्यों लिया है. आतिशी ने कहा कि आज रविवार है. कल ईद की छुट्टी है. अगला वर्किंग डे मंगलवार है. इसलिए इस्तीफे के लिए 2 दिन का समय चाहिए.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल पूछा गया कि भाजपा कह रही है कि सुनीता केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा, इस पर मंत्री आतिशी ने पहले सौरभ भारद्वाज से जवाब देने के लिए कहा. फिर मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आतिशी से कहा कि आप ही बता दो. फिर आतिशी ने कहा कि भाजपा वाले 2 साल से परेशान हैं. जब से भाजपा ने आम आदमी पार्टी विधायकों को तोड़ने की कोशिश की. वो तब से परेशान हैं जब से उन्होंने आम आदमी पार्टी नेताओं के घर रेड करना शुरू की. आम आदमी पार्टी के नेताओं को जेल में डाल दिया, लेकिन जेल में रहने के बाद भी पार्टी नेताओं ने अरविंद केजरीवाल का साथ नहीं छोड़ा.
आतिशी ने कहा कि भाजपा इस बात से परेशान है कि देश में इकलौती आम आदमी पार्टी है, जो भारतीय जनता पार्टी की आंख में आंख मिलाकर उनकी तानाशाही के खिलाफ संघर्ष कर सकती है.इसलिए भाजपा वाले कुछ ना कुछ तो कहेंगे ही.
'बीजेपी पिछले 2 साल से केजरीवाल को परेशान कर रही'
आतिशी ने कहा कि आज का दिन देश की राजनीति में ऐतिहासिक दिन के तौर पर याद किया जाएगा. इतिहास में किसी नेता ने कभी नहीं कहा कि अगर मैं ईमानदार हूं तो मुझे वोट दो, वरना वोट मत दो. अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार, बेईमानी बर्दाश्त नहीं कर सकते. केजरीवाल ने इस्तीफा देने का फैसला इस दर्द से लिया कि दिल्ली का कोई भी व्यक्ति कभी यह न सोचे कि वह भ्रष्ट हैं. बीजेपी पिछले 2 साल से केजरीवाल को परेशान कर रही है. वे AAP के किसी भी नेता से भ्रष्टाचार का एक रुपया भी वसूल नहीं कर पाए हैं. हमने मांग की है कि जल्द से जल्द चुनाव कराए जाएं. जनता अरविंद केजरीवाल की ईमानदारी को भारी जनादेश देगी.
'केजरीवाल ने खुद को जनता के हवाले किया'
दिल्ली के मंत्री और AAP नेता गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल को उनकी ईमानदारी की वजह से मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन जिस तरह से बीजेपी ने पिछले 2 साल से अरविंद केजरीवाल को भ्रष्ट साबित करने के लिए मेगा अभियान चलाया, वो ऐसा करने में विफल रही. सभी नेता जेल से बाहर आ गए. दुनिया के इतिहास में पहली बार किसी नेता ने खुलेआम कहा है कि अगर वो ईमानदार हैं, तो उन्हें वोट दें, नहीं तो मत दें. अरविंद केजरीवाल ने खुद को जनता के हवाले कर दिया है. अब जनता तय करेगी कि वो ईमानदार हैं या बेईमान.