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भ्रष्टाचार मामले में बिक्रम मजीठिया की याचिका पर हुई सुनवाई, SC ने जारी किया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामले में शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया है. अगली सुनवाई 19 जनवरी को होगी. मजीठिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एस. मुरलीधर ने दलील दी कि जिस कथित वित्तीय लेनदेन के आधार पर नया पीसी एक्ट केस दर्ज किया गया है, वही मुद्दा पहले एनडीपीएस मामले में उठ चुका है, जिसमें उन्हें जमानत मिल चुकी है.

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मजीठिया के वकील ने आरोप लगाया कि उनके मुवक्किल के साथ भेदभाव किया जा रहा है. (File Photo: ITG)
मजीठिया के वकील ने आरोप लगाया कि उनके मुवक्किल के साथ भेदभाव किया जा रहा है. (File Photo: ITG)

सुप्रीम कोर्ट ने शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की उस याचिका पर आज सुनवाई की, जो भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (PC Act) के तहत दर्ज एक मामले से जुड़ी है. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया की पीठ ने की.

मजीठिया के वकील दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जज और वरिष्ठ अधिवक्ता एस. मुरलीधर ने दलील दी कि इससे पहले उन्हें एनडीपीएस (NDPS) मामले में जमानत मिल चुकी है. राज्य सरकार ने उस जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था. 

मजीठिया के वकील ने क्या दलील दी?

उन्होंने कहा कि उसी मामले में राज्य ने सुप्रीम कोर्ट में एक पूरक हलफनामा दाखिल कर यह दावा किया था कि एनडीपीएस केस में धनराशि प्राप्त होने से जुड़ा साक्ष्य मिला है. मुरलीधर ने तर्क दिया कि उसी कथित वित्तीय लेनदेन के आधार पर अब एक नया मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज कर दिया गया है.

'मजीठिया के साथ अलग व्यवहार किया जा रहा है'

उन्होंने बताया कि ट्रायल कोर्ट ने यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया कि अभी चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है, जबकि ट्रायल कोर्ट के इस आदेश के चार दिन बाद ही चार्जशीट दाखिल कर दी गई. उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में अन्य सभी आरोपियों के खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है. लेकिन मजीठिया के साथ अलग व्यवहार किया जा रहा है, जो पूरी तरह अनुचित है.

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सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले में नोटिस जारी किया जाए. अदालत ने नोटिस चार सप्ताह में वापसी योग्य किया है. अगली सुनवाई 19 जनवरी को होगी. इस बीच, प्रतिवादी पक्ष को काउंटर हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी गई है.

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