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स्वामी रामदेव के खिलाफ छत्तीसगढ़ FIR पर क्लोजर रिपोर्ट दाखिल, अब सिर्फ बिहार केस बरकरार

योगगुरु स्वामी रामदेव के खिलाफ कोविड-19 दौरान एलोपैथी पर टिप्पणी मामले में छत्तीसगढ़ की FIR पर क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है. सुप्रीम कोर्ट को राज्य सरकार ने बताया कि जांच पूरी हो चुकी है. अब केवल बिहार में दर्ज FIR लंबित है. सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि जब एक ही केस बचा है, तो क्या दोनों FIR को जोड़ने की याचिका बरकरार रहेगी.

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योगगुरु स्वामी रामदेव (फाइल फोटो).
योगगुरु स्वामी रामदेव (फाइल फोटो).

कोविड-19 महामारी के दौरान एलोपैथी पर दिए गए विवादित बयान के मामले में योगगुरु स्वामी रामदेव को बड़ी राहत मिली है. छत्तीसगढ़ में दर्ज एफआईआर पर राज्य सरकार ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है. छत्तीसगढ़ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया कि इस मामले में जांच पूरी हो चुकी है और आगे कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान बेंच ने सवाल उठाया कि यदि छत्तीसगढ़ में दर्ज एफआईआर बंद हो चुकी है और अब केवल बिहार की एफआईआर शेष रह गई है, तो क्या दोनों एफआईआर को एक साथ जोड़ने संबंधी याचिका अब भी बरकरार मानी जाएगी. अदालत ने इस पर विस्तृत सुनवाई आगे के लिए स्थगित कर दी है.

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गौरतलब है कि स्वामी रामदेव ने कोविड-19 के दौरान एलोपैथी पद्धति की प्रभावशीलता को लेकर टिप्पणी की थी, जिसके बाद उनके खिलाफ छत्तीसगढ़ और बिहार में अलग-अलग एफआईआर दर्ज हुई थीं. इस मामले में स्वामी रामदेव सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे और याचिका दायर कर दोनों राज्यों की एफआईआर को एक साथ जोड़ने की मांग की थी, ताकि समान आरोपों पर बार-बार कार्रवाई न हो सके.

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अब जबकि छत्तीसगढ़ की एफआईआर पर क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है, केवल बिहार में दर्ज मामला ही लंबित है. सुप्रीम कोर्ट आगे की सुनवाई में यह तय करेगा कि याचिका का क्या स्वरूप रहेगा. इस बीच, रामदेव समर्थक इसे उनके लिए बड़ी राहत बता रहे हैं, वहीं आलोचकों का कहना है कि मामले को जल्द निपटाना आवश्यक है.

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