दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने गाजीपुर लैंडफिल साइट पर लगी आग के मामले में DPCC (दिल्ली पॉल्युशन कंट्रोल कमेटी) को पूर्वी दिल्ली नगर निगम (EDMC) पर 40 लाख की पेनाल्टी लगाने का निर्देश दिया है. पर्यावरण मंत्री के मुताबिक DPCC की जांच में साफ तौर पर EDMC की लापरवाही सामने आई है. DPCC की इन्क्वायरी रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि EDMC की लापरवाही के चलते ही गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आग लगी थी.
DPCC ने EDMC को नोटिस मिलने के 15 दिन के अंदर एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा जिसमें नोटिस मिलने के बाद उनके द्वारा क्या कदम उठाये जाएंगे, इसके बारे में बताया गया है. डीपीसीसी ने कहा कि 'पहले भी गाजीपुर लैंडफिल में आग की घटनाएं होती रही हैं. इससे पता चलता है कि आग की घटनाओं को रोकने के लिए ईडीएमसी द्वारा ठीक उपाय और सतर्कता नहीं बरती गई.
गोपाल राय ने कहा कि गाजीपुर लैंडफिल साइट में आग लगने का प्रमुख कारण पूर्वी दिल्ली नगर निगम की लापरवाही है. इस घटना से क्षेत्र में प्रदूषण काफी बढ़ गया. इसके बाद दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को मामले की जांच करने का निर्देश दिया गया है. डीपीसीसी के निष्कर्ष, स्पष्ट रूप से बताते हैं कि ईडीएमसी ने लापरवाही बरती थी. डीपीसीसी की जांच के आधार पर ईडीएमसी के ऊपर 40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. डीपीसीसी की जांच से पता चलता है कि लापरवाही के कारण आग लगी थी.
डीपीसीसी ने ईडीएमसी को निर्देश दिया है कि नोटिस के बाद वे क्या आवश्यक कदम उठा रहे हैं, इसको लेकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें और 15 दिनों के भीतर पेश करें. इसके अलावा डीपीसीसी की रिपोर्ट से पता चलता है कि एमसीडी के पास आग बुझाने के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं थी.
डीपीसीसी ने ईडीएमसी आयुक्त को दिए नोटिस में कहा है कि अधिकारियों की सतर्कता की कमी और ईडीएमसी द्वारा ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए किए सही उपाय नहीं किए जाने के कारण गाजीपुर लैंडफिल में आग लगने की घटनाएं हुई हैं. यह भी सामने आया है कि गाजीपुर साइट पर 22 मार्च शाम करीब 4.30 बजे लैंडफिल के पीछे की तरफ आग लगी थी.
डीपीसीसी ने ईडीएमसी आयुक्त को दिए नोटिस में गाजीपुर संयंत्र स्थल पर आग की रोकथाम के लिए तत्काल आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. डीपीसीसी ने ईडीएमसी को सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि लैंडफिल साइट पर भविष्य में इस तरह की आग की घटनाएं न हों.
डीपीसीसी ने कहा है कि नोटिस मिलने के बाद ईडीएमसी ने क्या कदम उठाए हैं, इसके बारे में विस्तृत रिपोर्ट दें. डीपीसीसी ने नोटिस में कहा है कि ईडीएमसी ने न केवल पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की अनदेखी की है बल्कि एनजीटी के ठोस कचरा प्रबंधन संबंधी निर्देशों का भी उल्लंघन किया है.