दिल्ली में जलभराव के कारण पिछले दो महीने में करीब 20 लोगों की मौत हो चुकी है. ये मौतें डूबने और करंट लगने से हुई हैं. मरने वालों में कम से कम 3 से 10 साल की उम्र के बच्चे शामिल हैं.
आंकड़ों के अनुसार, जलभराव वाले क्षेत्रों में डूबने से कम-से-कम 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि सात लोगों की बिजली गिरने से मौत हो गई.
3 UPSC एस्पायरेंट्स की मौत
डूबने की घटनाओं में दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में RAU's आईएएस स्टडी सर्कल के बेसमेंट में पानी भरने से तीन यूपीएससी एस्पायरेंट्स 25 वर्षीय तानिया सोना, 25 वर्षीय श्रेया यादव और 28 वर्षीय नेविन डेल्विन की मौत हो गई थी. बिजली के करंट से मरने वालों में अधिकतर वयस्क थे.
ताजा घटना शनिवार को हुई जब दिल्ली के रोहिणी में एक 7 साल का बच्चा पानी से भरे पार्क में डूब गया. भारी बारिश के बाद लड़का अपने दोस्त के साथ खेलने गया था, उस दौरान ये हादसा हो गया. पुलिस ने बताया कि इस मामले में आवश्यक कानूनी कार्रवाई की गई है.
करंट लगने से 13 वर्षीय लड़के की मौत
शनिवार को एक अन्य घटना में बाहरी दिल्ली के रणहौला इलाके में एक क्रिकेट मैदान पर बिजली का करंट लगने से एक 13 वर्षीय लड़के की मौत हो गई. दिल्ली पुलिस ने कहा कि दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, लड़का बिजली के तार वाले लोहे के खंभे के संपर्क में आ गया. यह घटना कोटला विहार फेज 2 के क्रिकेट ग्राउंड में उस दौरान हुई, जब लड़का गेंद लेने गया.
पानी में डूबकर किशोर की मौत
इसके अलावा शनिवार को दिल्ली के प्रेम नगर इलाके में एक खाली प्लॉट में भरे बारिश के पानी में 15 साल के दो किशोर डूब गए. पुलिस ने कहा कि वे नहाने गए थे, लेकिन उनके परिवार के सदस्यों ने कहा कि वे प्लॉट पर क्रिकेट खेलने गए थे. मामले को लेकर लापरवाही बरतने के कारण अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है.
वहीं, तीन हफ्ते पहले दिल्ली में एक 26 वर्षीय यूपीएससी अभ्यर्थी की बिजली का करंट लगने से मौत हो गई थी. यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्र की पहचान निलेश राय के रूप में हुई और यह घटना पटेल नगर मेट्रो स्टेशन के पास हुई.