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ओखला में प्रस्तावित डिमोलिशन तीन दिन टला, AAP विधायक ने याचिका वापस ली

दिल्ली हाईकोर्ट में बाटला हाउस डिमोलिशन के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका को AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ने वापस ले लिया है. कोर्ट ने कहा कि जनहित याचिका के रूप में सुनवाई नहीं हो सकती, रिट याचिका दाखिल की जाए. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को तीन दिन का समय दिया और DDA ने फिलहाल डिमोलिशन न करने की अंडरटेकिंग दी.

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कोर्ट (सांकेतिक तस्वीर)
कोर्ट (सांकेतिक तस्वीर)

दिल्ली के ओखला स्थित बाटला हाउस इलाके में प्रस्तावित डिमोलिशन को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका पर सोमवार को अहम सुनवाई हुई, और इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली. इस याचिका को ओखला से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने दाखिल किया था. हालांकि, दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि इस याचिका पर जनहित याचिका के तौर पर सुनवाई नहीं हो सकती.

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हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को तीन वर्किंग-डे का समय देते हुए याचिका को रिट याचिका के रूप में दाखिल करने की अनुमति दी. इस दौरान कोर्ट ने DDA की ओर से डिमोलिशन की कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. हालांकि, कोर्ट के पूछने पर DDA ने लिखित में अंडरटेकिंग दी कि वे फिलहाल कोई डिमोलिशन नहीं करेंगे.

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बिना उचित डिमार्केशन के नोटिस चिपकाए गए!

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने बहस करते हुए कहा कि याचिका में जिस संपत्ति का उल्लेख है, उसके साथ-साथ अन्य संपत्तियों पर भी बिना उचित डिमार्केशन के नोटिस चिपकाए गए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेशों के बावजूद याचिकाकर्ताओं को पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया.

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कोर्ट ने जब DDA से पूछा कि क्या याचिकाकर्ता को कानूनी विकल्प अपनाने तक डिमोलिशन रोका जा सकता है, तो DDA ने कहा कि वे तीसरे पक्ष की याचिका पर कोई भी आश्वासन नहीं दे सकते. हाईकोर्ट ने साफ किया कि अगर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना हुई है तो संबंधित पक्ष सीधे सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं.

रिट याचिका दाखिल करने के लिए कोर्ट ने दिया तीन दिन का वक्त

हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि अगर डिवीजन बेंच इस PIL पर कोई आदेश देती है तो इसका असर सिंगल जज के सामने लंबित अन्य याचिकाओं पर भी पड़ेगा, जिससे कानूनी उलझन पैदा हो सकती है. सलमान खुर्शीद ने अपील की कि उन्हें नई रिट याचिका दाखिल करने के लिए कम से कम सात दिन या तीन वर्किंग डे का समय दिया जाए. कोर्ट ने तीन वर्किंग डे का समय प्रदान किया और याचिका को वापस लेने की अनुमति दी.

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फिलहाल, DDA की कार्रवाई पर कोई रोक नहीं है, लेकिन अंडरटेकिंग के आधार पर तीन दिन तक कोई डिमोलिशन नहीं किया जाएगा. दिल्ली हाईकोर्ट अपना आदेश लिखवा रहा है और साफ कर दिया है कि अब आगे की सुनवाई नई रिट याचिका के आधार पर होगी.

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