दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को एक अहम मामले की सुनवाई करते हुए गूगल, ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम को 'आज तक' और 'तक' ट्रेडमार्क का उल्लंघन करने वाले 25 सोशल मीडिया अकाउंट को ब्लॉक करने के निर्देश दिए. न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह की पीठ ने कहा कि 'आज तक' भारत के सबसे लोकप्रिय न्यूज चैनलों में से एक है. लिहाजा इसके अधिकारों को संरक्षित करने की जरूरत है. साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि 'आज तक' ट्रेडमार्क की तरह भ्रामक चिह्न वाले वीडियो या पोस्ट भविष्य में अपलोड किए जाएं तो उन्हें 36 घंटे में हटाया जाए.
'आजतक' ब्रांड की मूल कंपनी लिविंग मीडिया इंडिया लिमिटेड की ओर से एडवोकेट हृषिकेश बरुआ ने कोर्ट में कहा कि वादी की प्रतिष्ठा 'AajTak' ब्रांड तक ही सीमित नहीं है, बल्कि 'TAK' ट्रेडमार्क भी इसमें शामिल है. बता दें कि उन पक्षों के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया था, जिन्होंने यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर 'TAK' ब्रांड का उल्लंघन किया था.
वहीं पीठ ने अपने आदेश में कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि 'आज तक' ब्रांड और ट्रेडमार्क काफी प्रतिष्ठित है. 'आज तक' चैनल भारत के सबसे लोकप्रिय न्यूज चैनलों में से एक है. वादी की ओर से कई प्रोग्राम्स, सोशल मीडिया अकाउंट, प्रोफाइल और हैंडल में 'TAK' मार्क का भी उपयोग किया जाता है. लिहाजा वादी के अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए.
कोर्ट ने 'आज तक' की मूल कंपनी को उनके ट्रेडमार्क का उल्लंघन करने वाले पेजों और पोस्ट को हटाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से सीधे संपर्क करने की स्वतंत्रता भी दी. लेकिन इसमें कहा गया कि अगर सोशल मीडिया कंपनी की ओर से ऐसे पोस्ट या वीडियो पर 36 घंटे के भीतर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो कंपनी से संपर्क किया जा सकता है.
बता दें कि बीते साल भी दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि 'आज तक' ब्रांड के अधिकारों का उल्लंघन करने वाली कई वेबसाइटों और अकाउंट्स को हटाया जाए.