दिल्लीवासियों को यमुना नदी से जोड़ने और शहर के भीतर ही सुव्यवस्थित और किफायती आयोजन स्थल उपलब्ध कराने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है. बांसेरा परियोजना के बाद अब यमुना तट पर स्थित असिता पार्क के हरे-भरे लॉन को सामाजिक, सांस्कृतिक और सार्वजनिक आयोजनों के लिए आम जनता के लिए खोल दिया गया है. दिल्ली विकास प्राधिकरण ने यह फैसला लिया है.
डीडीए के मुताबिक, उपराज्यपाल वीके सक्सेना लगातार इस बात पर जोर देते रहे हैं कि दिल्ली के भीतर ही ऐसे सुरक्षित, सुव्यवस्थित और किफायती स्थल विकसित किए जाएं, ताकि लोगों को कार्यक्रमों के लिए शहर के बाहर जाकर भारी किराया ना चुकाना पड़े. इसी सोच के तहत असिता पार्क के विभिन्न लॉन को दैनिक किराए पर बुक करने की अनुमति दी गई है.
लॉन के आकार के अनुसार तय हुआ किराया
असिता पार्क में उपलब्ध लॉन के क्षेत्रफल और क्षमता के आधार पर किराया 40,000 रुपये से लेकर 3.3 लाख रुपये प्रतिदिन तक तय किया गया है. पार्क में छोटे निजी कार्यक्रमों से लेकर बड़े सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजनों तक की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग लॉन उपलब्ध कराए गए हैं.
लॉन और तय किराया इस प्रकार है...
वाटर बॉडी लॉन: ₹50,000 (1,560 वर्ग मीटर)
कैना लॉन: ₹1.40 लाख (2,860 वर्ग मीटर)
बुद्ध लॉन: ₹1.10 लाख (3,270 वर्ग मीटर)
सूर्या लॉन: ₹40,000 (800 वर्ग मीटर)
कैफे लॉन: ₹1.00 लाख (3,000 वर्ग मीटर)
मेन कॉन्ग्रिगेशन लॉन: ₹2.90 लाख (8,900 वर्ग मीटर)
सर्कुलर लॉन: ₹3.30 लाख (13,720 वर्ग मीटर)
डीडीए के अनुसार, एक या एक से अधिक लॉन एक साथ बुक किए जा सकते हैं. हालांकि एक से अधिक क्षेत्रों की बुकिंग पर लागू दरें अधिक होंगी. किराए में 40 वाहनों की पार्किंग सुविधा शामिल है, जबकि सफाई शुल्क 2.75 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से अलग से लिया जाएगा.
सख्त पर्यावरणीय शर्तों के तहत होगी बुकिंग
यमुना फ्लड प्लेन्स की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए सभी आयोजनों पर सख्त पर्यावरणीय नियम लागू किए गए हैं. केवल पर्यावरण-अनुकूल अस्थायी टेंट संरचनाओं की अनुमति होगी. इन्हें लगाने और हटाने के लिए अधिकतम तीन दिन का समय दिया जाएगा. विशेष परिस्थितियों में सर्कुलर लॉन का उपयोग अधिकतम पाँच दिनों तक किया जा सकेगा.
डीडीए ने स्पष्ट किया है कि सभी गतिविधियां नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) और अन्य सक्षम न्यायालयों द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप ही होंगी, ताकि यमुना नदी और उसके पारिस्थितिक तंत्र को कोई नुकसान न पहुंचे.
197 हेक्टेयर में फैली असिता परियोजना
पूर्वी दिल्ली में लक्ष्मी नगर के पास स्थित असिता परियोजना लगभग 197 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई है. यह इलाका पहले अतिक्रमण और गंदगी की चपेट में था, जिससे यमुना नदी का प्रदूषण बढ़ रहा था. उपराज्यपाल सक्सेना के मार्गदर्शन में डीडीए ने इसे यमुना फ्लड प्लेन्स की पारिस्थितिक सेहत सुधारने की एक अहम परियोजना के रूप में विकसित किया है.