
कई हफ्तों की बर्फीली ठंड के बाद आखिरकार दिल्ली में अच्छी धूप निकलने लगी है लेकिन पूरे जनवरी महीने में राष्ट्रीय राजधानी ठंडी हवाओं और तापमान में गिरावट से जूझती रही. शहर में कंपाने वाली सर्दी पड़ी. हालांकि, दिल्लीवासियों के सामने ठंड ही एकमात्र समस्या नहीं थी.
प्रदूषण की बड़ी समस्या वाले शहर में 2024 के पहले महीने में औसत AQI 355 दर्ज किया गया, जो पिछले चार सालों में सबसे ज्यादा है. जनवरी के तीन दिनों में वायु गुणवत्ता गंभीर (400 और 450 के बीच) रही. बाकी दिनों में एक्यूआई 300 से ऊपर मापा गया, लेकिन 10 जनवरी को इससे राहत मिली और एक्यूआई 273 दर्ज किया गया था.
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2023 के जनवरी महीने में वायु गुणवत्ता का आंकड़ा देखें तो पता चलता है कि 2024 में फिर भी कम उतार-चढ़ाव देखा गया. जनवरी 2024 में उच्चतम AQI रीडिंग 447 थी, जबकि 2023 की जनवरी में यह 437 दर्ज किया गया था. 2021 की बात करें तो जनवरी महीने में ऐसे पांच दिन थे, जब वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में रही थी. वहीं 2022 में सिर्फ एक दिन वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई थी, और बाकी दिनों में सामान्य रीडिंग 100 दर्ज की गई थी.
दिल्ली में ऐसा रहा जनवरी का शीत लहर
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, 2024 की जनवरी एक दशक में सबसे ज्यादा ठंडी रही. शीत लहर के दौरान, औसत अधिकतम तापमान गिरकर 17.8 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 6.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

अगर आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि जनवरी महीने में पांच दिन कंपा देने वाली सर्दी पड़ी और पांच दिनों तक शीत लहर चला, जहां तापमान 4 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे दर्ज किया गया. शीत लहर तब होती है जब न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है और ठंडे दिन तब होते हैं जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम दर्ज किया जाता है और अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है.
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मसलन, जनवरी 2024 में राजधानी दिल्ली में ऐसा दूसरी बार रहा जब कुछ दिनों तक खूब ठंड पड़ी और सबसे ज्यादा ठंडे दिन दर्ज किए गए. इस मोर्चे पर राजधानी दिल्ली 2014 के मुकाबले 2022 में ज्यादा ठंडी रही. इनके अलावा, इस साल जनवरी में ऐसा तीसरी बार रहा जब सबसे ज्यादा शीत लहर दर्ज किए गए. (अंकिता तिवारी इनपुट)