विपक्षी एकता की कोशिश के बीच दिल्ली कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी पर हमले तेज करते हुए मेयर को आईना दिखाया. वहीं बीजेपी ने भी आरोप लगाया है कि एमसीडी में रिकॉर्ड कमाई के बावजूद कर्मचारियों को सैलरी नहीं दी जा रही है. दरअसल, आम आमदी पार्टी की मेयर डॉ. शैली ओबरॉय ने बताया है कि एमसीडी ने चालू वित्तीय वर्ष के पहले तिमाही में 1113.7 करोड़ रुपये प्रॉपर्टी टैक्स जुटाया है. वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में राजस्व 540 करोड़ रुपये था और वित्त वर्ष 2022-23 में यह 695 करोड़ रुपये ही रहा था.
मेयर ने बताया कि पिछले साल 6.59 लाख से बढ़कर करदाता इस साल 7.17 लाख हो गए हैं. निगम को जल्द वित्तीय संकट से बाहर लेकर आएंगे और रेवेन्यू बढ़ाएंगे. पहले जो पैसा कोठियां बनाने और लंबी कारें खरीदने में लगता था, उसे अब जनता के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने में लगाया जाएगा.
इसको लेकर दिल्ली कांग्रेस के चीफ अनिल चौधरी ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड तोड़ टैक्स कलेक्शन जनता की जागरुकता है, न कि आम आदमी पार्टी का गर्वनेंस मॉडल. निगम चुनाव से पूर्व हाउस टैक्स माफी का वादा करने के विपरित दोगुना टैक्स वसूलकर आम आदमी पार्टी जनता से धोखा क्यों कर रही है. आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम दिल्ली की जनता को जन सुविधाऐं मुहैया कराने में पूरी तरह विफल रही है.
उन्होंने कहा कि 7 महीने निगम में सरकार बनने के बावजूद आम आदमी पार्टी ने जमीनी स्तर पर अभी तक किसी भी योजना को नहीं उतारा है. यही वजह है कि मानसून की पहली बारिश में दिल्ली में जल भराव और सड़के धसनें की घटनाओं के कारण एक ऑटो ड्राईवर की गड्डे में गिरने से मौत हो गई, जिसके लिए आम आदमी पार्टी की सरकार जिम्मेदार है.
प्रोपर्टी टैक्स बढ़ने से लोग नाखुश: बीजेपी
वहीं एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली नगर निगम जनता पर अतिरिक्त प्रोपर्टी टैक्स का बोझ डालकर टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी की वाहवाही लूटने का कार्य कर रही है. इस बढ़ोतरी से जनता पर अतिरिक्त कर का बोझ पड़ा है और नागरिक किसी भी तरीके से इस बढ़ोतरी से खुश नहीं हैं. पहले जहां नागरिकों का मात्र 900 रुपये टैक्स आता था, अब अतिरिक्त टैक्स के कारण 2600 रुपये प्रोपर्टी टैक्स के रूप में देने पड़ रहे हैं.
'टैक्स मिलने के बाद भी वेतन बकाया'
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी से हम ये मांग करते हैं कि पहले की तरह ही 15 प्रतिशत अतिरिक्त छूट प्रदान की जाए और ऑक्यूपेंसी फैक्टर, ऐज फैक्टर में बढ़ी दरों को कम किया जाए. इसके साथ ही आम आदमी पार्टी शासित निगम नागरिकों पर कन्वर्जन चार्ज के ऊपर 1.5 प्रतिशत जुर्माना लगाकर वसूल रही है, जिससे नागरिकों में भय की स्थिति उत्पन्न हो गई है. निगम ने पहली तिमाही में संपत्तिकर के रूप में 1113 करोड़ रुपये प्रोपर्टी टैक्स के रूप में वसूल किए हैं. वहीं कर्मचारियों का दो महीने से वेतन बकाया है.