दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने शुक्रवार को ओपन ट्रांजिट डेटा (ओटीडी) पोर्टल लॉन्च कर दिया है. इस पोर्टल के ज़रिए 1700 क्लस्टर बसों की लाइव लोकेशन जुटाई जा सकेगी.
सरकार के मुताबिक आने वाले समय में डीटीसी बसों, दिल्ली मेट्रो फीडर बसों, ग्रामीण सेवा की टाइमिंग भी इस पोर्टल के जरिए पता चल सकेगी. यह पोर्टल IIT दिल्ली ने तैयार किया है. पोर्टल बनाने में डिम्ट्स और डीटीसी ने भी सहयोग किया है.
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दावा करते हुए कहा कि दिल्ली अब देश में पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां पर वेबसाइट के जरिए बसों का रीयल टाइम डेटा मुहैया करवाया जा रहा है. रियल टाइम डेटा का प्रयोग कर मोबाइल एप्लीकेशन बनाई जा सकती है, जिससे बसों की असल लोकेशन के बारे में बताया जा सकेगा.
Thrilled to announce the launch of the Open Transit Data platform of Delhi govt (https://t.co/IBBJcvSQPy) - the FIRST for any Indian metro. It's a major step to promote collaboration and co-creation of innovative and inclusive transport solutions for the people of Delhi 1/2
— Kailash Gahlot (@kgahlot) November 23, 2018गहलोत ने आगे बताया कि रिसर्च के लिए भी इस डेटा का प्रयोग किया जा सकेगा. हर दस सेकंड में बस लोकेशन की जीपीएस फीड हर दस सेकंड में मिल सकेगी. अभी दिल्ली में चलने वाली 1700 क्लस्टर बसों के रीयल टाइम डेटा को इस पोर्टल के साथ जोड़ा जाएगा. पोर्टल www.otd.delhi.gov.in के जरिए बसों की स्पॉट लोकेशन जानी जा सकेगी.
Delhi's Open Transit Data platform provides free of cost static and real time datasets of Delhi's buses for app developers and researchers in machine-readable format. Call out all researchers and developers to join us in transforming public transport 2/2https://t.co/IBBJcvSQPy
— Kailash Gahlot (@kgahlot) November 23, 2018
दिल्ली सरकार नये बस स्टैंड बनाने की तैयारी भी कर रही हैं और उन बस स्टैंड पर रीयल टाइम पैसेंजर्स इंफर्मेशन सिस्टम (पीआईएस) और डिस्पले बोर्ड लगाए जाएंगे. बसों के रियल टाइम डेटा का प्रयोग किया जाएगा. ओपन ट्रांजिट डेटा का प्रयोग कर ऐप बनाया जा सकेगा और ऐप के जरिए बसों के आने की टाइमिंग, वेटिंग टाइम, बसों की लोकेशन और रूट डायवर्जन के मैसेज भी दिए जा सकेंगे.
परिवहन विभाग के मुताबिक दिल्ली में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए कई नये प्रयोग किए हैं. ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने सिंगापुर और लंदन में इस तरह के प्रयोगों को स्टडी किया और उसके बाद पोर्टल बनाया गया है.