आपने कभी दिनदहाड़े सड़क पर भूत-पिशाचों को चलते हुआ देखा है ? आप सोच रहे होंगे ये कैसा सवाल है. दरअसल छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में नए साल के मौके पर बहरूपिया महोत्सव मनाया जाता है जिसमें लोग भूत-पिशाच की वेशभूषा धारण कर रोड पर परेड निकालते हैं.
चिरमिरी में हर साल की तरह इस साल भी बहुरूपिया प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जिसमें 150 बहरूपियों ने हिस्सा लिया. सड़क पर निकले बहरूपियों को देखने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंचे. इसमें न केवल प्रदेश बल्कि पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के बहरूपिया कलाकार भी अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे.
कार्यक्रम में बहरूपिया कलाकारों ने सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक विषय पर रूप धरकर लोगों को प्रभावित किया. वहीं कलाकारों ने स्थानीय चिरमिरी क्षेत्र में अवैध कोयला उत्खनन और जुआ-शराब से होनी वाली समस्याओं को भी उजागर किया.
इसी प्रकार चिरमिरी के अस्तित्व को बचाने के लिए लंबे समय तक संघर्ष समिति के माध्यम से अनशन और पद यात्रा करने वाले पद यात्रियों द्वारा भी कला के माध्यम से चिरमिरी की दुर्दशा को आम लोगों के सामने प्रस्तुत किया गया जिसे स्थानीय लोगों ने खूब सराहा.
इन कलाकारों ने अलग-अलग रूप धरकर बेटी बचाओ अभियान, पर्यावरण संरक्षण, अपराधी गिरोहों द्वारा अबोध बच्चों को अपराध में ढकेलना, महादेव की यात्रा, अघोरी, छत्तीसगढ़ महतारी श्रद्धा मर्डर कांड समेत कई मुद्दों को मुख्य रूप से दिखाया. इन कलाकार ने गौरैया की पीड़ा समेत अन्य मोहक रूप धरकर लोगों को आकर्षित किया.
वॉट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम का वेश बनाकर कलाकारों ने यूजर्स को जागरूक किया. व्हाट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और 4जी नेटवर्क के कलयुगी दैत्य का रूप धारण कर बहरूपियों ने बताया कि एक दिन ये ऐप्स सभी को अपनी जद में ले लेंगे, विश्व उनका गुलाम बनेगा. युवाओं को समझाया गया कि वो सोशल मीडिया की लत से दूर रहें.