छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक युवक को मृत समझकर परिवार वाले उसके शव को घर ले आए. सुबह अंतिम क्रिया निर्धारित कर रिश्तेदारों को सूचना दे दी गई. परिजन शोक में डूबे विलाप कर रहे थे तभी मृत मान लिया गया युवक जिंदा घर पहुंच गया, तो उसके परिजनों की खुशी का ठिकाना न रहा.
अंतिम संस्कार के बीच लौटा 'मृतक'
समाज में कभी कभी कुछ ऐसे वाक्ये घट जाते हैं, जिन पर आंखों से देखने के बाद भी भरोसा कर पाना मुश्किल हो जाता है. बीते सोमवार को भी कुछ ऐसी ही घटना घटी जिस पर शायद कोई सहज ही भरोसा नहीं कर सकता. दरअसल जिस मृतक को अपना समझ कर, घर लाकर अंतिम क्रिया की तैयारी की जा रही थी वो देर रात घर लौट आया. मुहल्ले वाले उस देख कर भूत भूत चिल्लाते हुए इधर उधर भागने लगे. फिर धीरे धीरे यकीन हुआ कि ये जीवित है, पर जो मृत घर में पड़ा है आखिर वो कौन है? यह एक बड़ा सवाल है जिसका जवाब तलाशा जा रहा है.
4 दिन से लापता था शख्स
ये वाक्या कोरबा जिले के कुसमुंडा थाना क्षेत्र अंतर्गत गेवरा बस्ती विश्रामपुर का है. दरअसल यहां निवास करने वाला 27 साल के हरीओम वैष्णव पिता हेमेश्वर वैष्णव बीते लगभग 4 दिन पूर्व अपने परिवार सहित ससुराल गया हुआ था. फिर ससुराल से घर जाने को निकला, लेकिन पहुंचा नहीं. परिजनों व रिश्तेदारों के द्वारा काफी खोजबीन के बाद हरिओम वैष्णव का कही कुछ पता नहीं चला, जिसके बाद परिजनों के द्वारा नजदीक के थाने में उसकी गुमशुदगी की सुचना दर्ज कराई गई.
एक सी कदकाठी और एक सा टैटू
इधर सोमवार की दोपहर बांकीमोंगरा थाना अंतर्गत डंगनिया नदी में एक शव मिलने की खबर आई, जिसके बाद बांकीमोंगरा पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को नदी से बाहर निकाला और पहचान में जुट गई. इसी बीच हरिओम वैष्णव की गुमशुदगी की बात भी सामने आई जिस पर उसके परिजनों को शव पहचाने के लिए बुलाया गया. चूंकि पानी में डूबे रहने की वजह से शव काफी हद तक फुल चुका था, स्पष्ट रूप से पहचान नहीं आ रहा था, बाल दाढ़ी, रंग, कद काठी समान होने की वजह से और हाथ में आर अक्षर का टैटू होने की वजह से शव को हरि ओम का समझ लिया गया.
'भूत नहीं हूं जिंदा हूं मैं'
पुलिस द्वारा परिजनों के समक्ष मर्ग पंचनामा किया गया. उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. पोस्टमार्टम के उपरांत शव को परिजनों को सौंप दिया गया. हरि ओम के परिजन शव को लेकर कुसमुंडा थाना क्षेत्र अंतर्गत विश्रामपुर स्थित घर ले आए. यहां परिवार वालों का रो रो कर बुरा हाल होने लगा. आसपास और दूर दराज के रिश्तेदारों को इस घटना की सूचना दी जाने लगी. रिश्तेदार भी धीरे धीरे घर पहुंचने लग. अगले दिन के लिए अंतिम क्रिया की तैयारी भी होने लगी. इसी बीच आधी रात को हरि ओम पैदल- पैदल मुहल्ले की तरफ आता दिखा. मुहल्ले में बैठे लोगों ने जब पास से हरि ओम को गुजरते देखा तो भूत भूत कहकर भागने लगे, पर हरि ओम ने कहा कि वो कोई भूत नहीं वह जिंदा है. ससुराल और घर वालों की किसी बात को लेकर वह नाराज होकर कहीं चला गया था.
तो फिर घर में पड़ा शव किसका है?
उसे वापस पाकर घर वालों के मायूस चेहरे पर खुशी लौट आई, लेकिन अब ये सवाल सामने आया कि घर में पड़ा शव आखिर किसका है. कुसमुंडा पुलिस को सूचना दी गयी. रात में भी कुसमुंडा पुलिस मौके पर पहुंची. हरी ओम को जीवित देखकर वे भी हतप्रभ रह गए. कुसमुंडा पुलिस द्वारा रात में ही एंबुलेंस की व्यवस्था कर शव को संबंधित थाना बाकी मोगरा पुलिस को सौंपा गया. फिलहाल अभी शव को बाकी मोगरा अस्पताल स्थित मर्चुरी में रखवाया गयाहै. अब पुलिस फिर से मृतक की पहचान करने में जद्दोजहद कर रही है.