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CM के आश्वासन के बाद भी नहीं माने पूर्व गृह मंत्री, कलेक्टर को हटाने की मांग पर अड़े

छत्तीसगढ़ के पूर्व गृह मंत्री और सीनियर BJP लीडर ननकी राम कंवर ने कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत को हटाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन की घोषणा करके राजनीतिक उथल-पुथल मचा दी है।

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BJP नेता ननकी राम कंवर ने छत्तीसगढ़ में राजनीतिक उथल-पुथल मचाई.(Photo:ITG)
BJP नेता ननकी राम कंवर ने छत्तीसगढ़ में राजनीतिक उथल-पुथल मचाई.(Photo:ITG)

छत्तीसगढ़ में पूर्व गृह मंत्री और वरिष्ठ BJP नेता ननकी राम कंवर ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है. वे मुख्यमंत्री के आवास के बाहर धरना देने की तैयारी कर रहे हैं, जिसमें कोरबा कलेक्टर अजीत वासंत के हटाए जाने की मांग कर रहे हैं.

शुक्रवार शाम को कंवर रायपुर पहुंचे, जहां उन्होंने अपना विरोध तेज करने का इरादा जताया. वे सबसे पहले जेल रोड पर एक रेस्तरां पहुंचे और बाद में एक निजी निवास पर चले गए. इसके तुरंत बाद सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया और उन्हें रायपुर के एम्स के पास नजरबंद कर दिया, ताकि मामला और बिगड़े नहीं.

तनाव तब चरम पर पहुंचा जब कंवर मीडिया से बात करने की कोशिश करने लगे. पोता उन्हें रोकने की कोशिश करने लगा, जिससे वहां तीखी नोकझोंक हो गई. 

ननकी राम कंवर ने उसे धक्का देकर अलग किया और अपना संकल्प दोहराया कि वे विरोध जारी रखेंगे. उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए उन्हें पता चला है कि सरकार उनकी शिकायतों की जांच कर रही है, लेकिन कोई वरिष्ठ मंत्री या अधिकारी व्यक्तिगत रूप से उनसे संपर्क नहीं किया.

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कंवर ने 4 अक्टूबर को मुख्यमंत्री के आवास के बाहर धरना देने की अपनी बात दोहराई. उन्होंने कहा, "मैं पीछे नहीं हटूंगा. लोगों को सच्चाई जाननी चाहिए, और मैं जवाबदेही सुनिश्चित होने तक अपनी आवाज बुलंद रखूंगा."

CM साय का देर रात हस्तक्षेप!

उधर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय हालात की संवेदनशीलता से अवगत थे. उन्होंने शुक्रवार रात को कंवर से देर रात बातचीत की और उन्हें विरोध न करने की सलाह दी. मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि उनकी शिकायतों पर बिलासपुर कमिश्नर से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है. इसके बावजूद कंवर ने अपना फैसला बदलने से इनकार कर दिया.

पार्टी के नेता मनाने में जुटे

शनिवार सुबह तक कंवर एम्स रायपुर के पास ही नजरबंद थे, जहां कई भाजपा नेता और परिवारजन उनसे चर्चा कर रहे थे ताकि मामला शांत हो सके. उनकी जिद ने पार्टी के अंदर असहजता पैदा कर दी है, क्योंकि नेता वरिष्ठ सदस्य का समर्थन करने और प्रशासन के साथ तालमेल बनाए रखने के बीच फंसे हुए हैं.

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