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थायरॉयड की समस्या से जूझ रहे हैं आप? जानें क्या खाना खतरनाक और क्या फायदेमंद

थायरॉयड एक ऐसी समस्या है जिसमें डाइट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. कुछ फूड्स थायरॉयड के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं, जबकि अन्य चीजें थायरॉयड के लक्षणों को कम कर सकती हैं.

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थायरॉयड की समस्या से जूझ रहे हैं आप? जानें क्या खाना खतरनाक और क्या फायदेमंद
थायरॉयड की समस्या से जूझ रहे हैं आप? जानें क्या खाना खतरनाक और क्या फायदेमंद

थायरॉयड एक ऐसी समस्या है जिसमें हमारी थायरॉयड ग्रंथि ठीक से काम नहीं कर पाती है. इससे हमारे शरीर में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि वजन बढ़ना, थकान, बालों का झड़ना आदि. डाइट थायरॉयड के मैनेजमेंट में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. कुछ चीजें ऐसी हैं जो थायरॉयड के प्रभाव को बढ़ा सकती हैं ऐसे में जरूरी है कि आप उनका सेवन सीमित मात्रा में करें.

किन चीजों से बढ़ सकती है थायरॉयड की समस्या?

सबसे पहले, क्रूसिफेरस वेजिटेबल्स (गोभी, फूलगोभी, ब्रोकली, हरी पत्तेदार सब्जियां) जो गैयट्रोजेनिक होती हैं, वे थायरॉयड ग्रंथि की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकती हैं. इन्हें अच्छे से पकाने से इस प्रभाव को कम किया जा सकता है. खासतौर पर कच्ची क्रूसिफेरस सब्जियां, पराठों में इस्तेमाल किए जाने वाले कच्चे गोभी या मूली से बचना चाहिए.

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दूसरा, सोया और इसके उत्पाद जैसे सोयाबीन, सोया ऑयल आदि में मौजूद आइसोफ्लेवन नामक कंपाउंड थायरॉयड के लिए खतरनाक हो सकते हैं. सोया की जगह पनीर, रेगुलर डेयरी मिल्क या बादाम, ओट्स मिल्क जैसे ऑप्शन लिए जा सकते हैं. ये ऑप्शन सरलता से उपलब्ध हैं और ज्यादा पौष्टिक भी हैं.

तीसरा, स्टोन फ्रूट्स (जैसे आम, आड़ू), जिनके बीच एक बड़ा बीज होता है, को थायरॉयड में लिमिट करना चाहिए क्योंकि ये भी गैयट्रोजेनिक होते हैं.

चौथा, मिलेट्स जैसे रागी, ज्वार, बाजरा उपयोग करने वाले लोग थायरॉयड के मामलों में सावधानी बरतें क्योंकि ये ग्रंथि पर दबाव डाल सकते हैं; मॉडरेशन में सेवन ठीक है. इनकी जगह पर क्विनोआ, ब्राउन राइस, ओट्स आदि लिया जा सकता है. ग्लूटेन भी थायरॉयड के लिए खतरा हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जिनमें ऑटोइम्यून थायरॉयड होता है. ऐसे में गेहूं प्रोडक्ट्स की बजाय होल ग्रेन ऑप्शन लेना बेहतर है.

कैफीन भी इस समस्या में योगदान कर सकती है क्योंकि यह थायरॉयड हार्मोन के अवशोषण को धीमा कर देता है. अतः खाली पेट चाय या कॉफी से बचें, और इन्हें ग्रीन टी या हर्बल चाय से बदल सकते हैं. मीठा खाने से भी बचना चाहिए क्योंकि हाई कैलोरी मिठाइयां, जूस, केक आदि पचने में मुश्किल होते हैं, जिससे बॉडी में फैट जमा होता है और वजन बढ़ता है. इसकी जगह पर नेचुरल स्वीटनर जैसे गुड़ या नेचुरल स्वीटर्न का इस्तेमाल करें.

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थायरॉयड मैनेजमेंट के कुछ जरूरी टिप्स-

1. सेलेनियम और जिंक रिच फूड्स (जैसे ब्राज़ील नट्स, अंडे, सूरजमुखी के बीज) थायरॉयड फंक्शन को बेहतर बनाते हैं.

2. प्रोबायोटिक्स (जैसे लो फैट योगर्ट) हमारे पाचन तंत्र को हेल्दी रखते हैं, जिससे हार्मोन का ठीक से अवशोषण होता है.

3. आयोडीन युक्त आहार, जैसे आयोडीन नमक, अंडे, चिकन, मछली आदि का सेवन हार्मोन उत्पादन में मदद करता है.

4. विटामिन डी और बी 12 को बेहतर लेवल पर बनाए रखना भी थायरॉयड कंट्रोल में सहायक होता है.

5. तनाव कम करना बेहद जरूरी है क्योंकि यह हार्मोन के इंबैलेंस को बढ़ावा देता है. 

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