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'वायरल फ्लू' का कोहराम! वैक्सीन लेने के बाद भी क्यों हो जाते हैं बीमार? डॉक्टर ने बताया कारण

वायरल फ्लू का आंतक इस समय दिल्ली-एनसीआर में छाया हुआ है. हर तरह बस लोग इससे परेशान हैं और कई लोग वैक्सीन भी ले चुके हैं. मगर ऐसे में कुछ लोगों के मन में ये सवाल है कि आखिर वैक्सीेन लेने के बाद वो फ्लू की चपेट में क्यों आ रहे हैं? आइए जानते हैं कि इस बारे में डॉक्टर का क्या कहना है.

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वायरल बुखार का दिल्ली में कहर जारी है. (Photo Credit: Adobe Image)
वायरल बुखार का दिल्ली में कहर जारी है. (Photo Credit: Adobe Image)

हर साल फ्लू आता है और तेज बुखार, शरीर में दर्द, गले में खराश और थकान जैसी परेशानी अपने साथ लाता है. इन दिनों भी दिल्ली में वायरल फ्लू का कहर लोगों पर टूटा हुआ है और रिपोर्ट्स के मुताबिक हर घर में एक शख्स इससे बीमार है. इसकी बड़ी दिक्क्त यही है कि इसके लक्षण मामूली बुखार और सर्दी-जुखाम जैसे आम होते हैं. इस वजह से लोग अनजाने में ही इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं और दिक्कत काफी ज्यादा बढ़ जाती है.

वायरल फ्लू में फीवर इतना ज्यादा हाई होता है कि ये लोगों को काफी कमजोर बना देता है. वायरल फ्लू से लड़ने के लिए डॉक्टर्स हर किसी को हर साल फ्लू वैक्सीन लेने की सलाह देते हैं. ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि वैक्सीन लेने के बावजूद लोग बीमार क्यों हो जाते हैं?

दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल के इंटर्निस्ट डॉ. चटर्जी के अनुसार, 'बच्चों, बुजुर्गों और क्रॉनिक बीमारी वाले लोगों के लिए फ्लू वैक्सीन लाइफसेवर हो सकती है, क्योंकि ये उन्हें खतरे से लड़ने के लिए हिम्मत देती है. यही कारण है कि एक्सपर्ट हर साल वैक्सीन लेने की सलाह देते हैं.'

इसके साथ ही डॉ. चटर्जी ने बताया है कि वैक्सीन लेने के बाद भी कुछ लोग बीमार क्यों पड़ते हैं और उनको फ्लू कैसे अपनी चपेट में ले लेता है.

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फ्लू वायरस लगातार बदलता रहता है

इन्फ्लुएंजा वायरस हर साल अपना रूप बदलता है, कभी-कभी सीजन के दौरान भी ये अपना रूप बदलता है. इसलिए इसे म्यूटेशन कहा जाता है. साइंटिस्ट हर साल अंदाजा लगाते हैं कि कौन-से स्ट्रेन फैल सकते हैं और वैक्सीन उन्हीं के खिलाफ बनाई जाती है. लेकिन अगर वायरस वैक्सीन बनने के बाद बदल जाए तो वैक्सीन का असर थोड़ा कम हो सकता है.

हर किसी का इम्यून सिस्टम अलग रिएक्ट करता है

हर किसी का इम्यून सिस्टम अलग तरह से प्रतिक्रिया करता है जैसे एडल्ट और हेल्दी लोग वैक्सीन लेने के बाद जल्दी और अच्छी सुरक्षा पा लेते हैं, मगर छोटे बच्चे, उम्रदराज लोग और डायबिटीज, दिल और फेफड़ों के मरीज उतनी एंटीबॉडी नहीं बना पाते. मगर अगर आपने वैक्सीन लगवाई है तो ये आपको गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने से बचा सकती है.

समय पर वैक्सीन लेना जरूरी है

सबसे जरूरी बात ये है कि वैक्सीन तुरंत असर नहीं दिखाती है, शरीर को एंटीबॉडी बनाने में लगभग दो हफ्ते का समय लगता है. ऐसे में अगर किसी इंसान को वैक्सीन लगने से पहले या फौरन बाद में फ्लू हो जाता है तो इससे वैक्सीन का कोई मतलब नहीं है. अगर वैक्सीन बहुत जल्दी ली जाए तो मौसम के आखिर तक सुरक्षा थोड़ी कम हो सकती है.

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हर बीमारी फ्लू नहीं होती

सर्दी-जुकाम, RSV या कोरोना जैसे वायरस भी बुखार और शरीर में दर्द जैसी समस्या पैदा करते हैं. कई बार लोग सोचते हैं कि वैक्सीन काम नहीं कर रही, जबकि असल में उन्हें फ्लू नहीं हुआ होता है. 

वैक्सीन बीमारी को कम खतरनाक बनाती है

अगर वैक्सीन फ्लू को पूरी तरह रोक न भी पाए, तब भी बीमारी को हल्का करती है. स्टडी दिखाती है कि वैक्सीन लेने वाले लोग खतरनाक बीमारियों, अस्पताल में भर्ती या मौत के जोखिम में कम होते हैं. 

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