भारत में एक बार फिर कोविड-19 के मामलों में उछाल देखने में आ रहा है. देश के मेट्रो सिटीज में शुमार मुंबई, चेन्नई और अहमदाबाद में नए JN.1 वेरिएंट के कोरोना मामले बढ़े हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में 19 मई तक 257 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा केस केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु के हैं. अब सवाल यह है कि क्या यह JN.1 वेरिएंट सामान्य फ्लू जैसा है या इसमें कुछ नया है? क्या मौजूदा वैक्सीन इस वैरिएंट पर काम करेगी, एक्सपर्ट से जानिए.
JN.1 वेरिएंट में नया क्या है
JN.1 वेरिएंट ओमिक्रॉन के BA.2.86 लाइनेज का एक सब-वेरिएंट है जिसे पहली बार अगस्त 2023 में देखा गया था. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे 'वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' के रूप में चिह्नित किया है. विशेषज्ञों के अनुसार, JN.1 में एक या दो अतिरिक्त म्यूटेशन हैं जो इसे पहले के वेरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक बनाते हैं. फोर्टिस नोएडा में पल्मनोलॉजी विभाग के एडिशनल डायरेक्टर डॉ. मयंक सक्सेना ने aajtak.in को बताया कि JN.1 वेरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं, जो ओमिक्रॉन का ही सबवेरिएंट है. भारत में जो वैक्सीन और बूस्टर डोज लग चुकी है, वो इस वैरिएंट के खिलाफ काफी उपयोगी साबित होगी.
सर गंगा राम अस्पताल दिल्ली के इंटरनल मेडिसिन विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मोहसिन वली का कहना है कि हांगकांग और सिंगापुर में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, जहां JN.1 वेरिएंट के सबवेरिएंट्स LF.7 और NB.1.8 संक्रमण फैला रहे हैं. लेकिन, भारत में अभी स्थिति कंट्रोल में हैं. भारत के लिए ये वेरिएंट बहुत खतरनाक नहीं है, क्योंकि यहां एक तरह की हर्ड इम्यूनिटी बन चुकी है. JN.1 के लक्षण पहले के ओमिक्रॉन वेरिएंट्स जैसे ही हैं.
मरीजों में JN.1 के होते हैं ये लक्षण
सूखी खांसी
बुखार
गले में खराश
थकान
स्वाद या गंध न आना
सिरदर्द
नाक बहना या बंद नाक
बता दें कि जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन के मुताबिक JN.1 में कुछ मरीजों में डायरिया जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण ज्यादा देखे गए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि ये लक्षण सामान्य फ्लू से मिलते-जुलते हैं लेकिन कोविड की पुष्टि के लिए टेस्टिंग जरूरी है.
डॉ मोहसिन कहते हैं कि JN.1 के ज्यादातर मामले हल्के हैं लेकिन कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों जैसे बुजुर्गों या पहले से बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए.
क्या वैक्सीन है प्रभावी
विशेषज्ञों के अनुसार मौजूदा mRNA वैक्सीन्स (जैसे XBB.1.5 बूस्टर) और अन्य कोविड वैक्सीन्स गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने से बचाने में प्रभावी हैं. डॉ मयंक सक्सेन बताते हैं कि JN.1 की इम्यून इवेजन क्षमता के कारण यह वैक्सीनेटेड लोगों को भी हल्के रूप से संक्रमित कर सकता है. पिछली वैक्सीनेशन या इन्फेक्शन से मिली इम्यूनिटी समय के साथ कम हो रही है. इसलिए हाई-रिस्क ग्रुप्स, जैसे बुजुर्गों और कोमॉर्बिडिटी वाले लोगों को बूस्टर डोज लेने की सलाह दी जाती है।" स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी हाई-रिस्क ग्रुप्स के लिए बूस्टर वैक्सीनेशन की सिफारिश की है.
बरतें ये सावधानी
भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें.
नियमित रूप से हाथ धोएं.
बूस्टर डोज लें, खासकर हाई-रिस्क ग्रुप्स.
लक्षण दिखने पर तुरंत टेस्ट कराएं और आइसोलेट हों.
क्या कहते हैं आंकड़े
पिछले हफ्ते (12-19 मई) भारत में 164 नए मामले दर्ज किए गए, जिनमें केरल (95), तमिलनाडु (66) और महाराष्ट्र (56) सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. सिंगापुर में 27 अप्रैल से 3 मई तक केस 11,100 से बढ़कर 14,200 हो गए जबकि हॉन्गकॉन्ग में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 6.21% से 13.66% तक पहुंच गया है.