Botulism Disease : इटली में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां ब्रोकली खाने के बाद एक शख्स की मौत हो गई. घटना दो दिन पहले की बताई जा रही है और इसके सामने आते ही लोग चौंक गए हैं. 52 साल के आर्टिस्ट लुईगी डि सरनो अपनी फैमिली के साथ कैलाब्रिया में वेकेशन मना रहे थे, जहां उन्होंने समुद्र किनारे पर एक दुकान से ब्रोकली और सॉसेज सैंडविच खरीदा था. खाने के तुरंत बाद ही लुईगी की तबीयत अचानक बिगड़ गई. हॉस्पिटल ले जाने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया. लुईगी के परिवार के लोग भी बीमार पड़ और उनको भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जहां डॉक्टरों ने बताया है कि मरीजों में बोटुलिज्म के लक्षण दिखाई दिए हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्रोकली में क्लॉस्ट्रिडियम बोटुलिनम (Clostridium botulinum)नाम का खतरनाक बैक्टीरिया हो सकता है. दरअसल, ये बैक्टीरिया एक बेहद खतरनाक टॉक्सिन (जहर) बनाता है जो 'बोटुलिज्म' नाम की गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है. चलिए जानते हैं कि क्लॉस्ट्रिडियम बोटुलिनम क्या है और ये बैक्टीरिया ब्रोकली के अलावा और किन सब्जियों में पाया जाता है.
बोटुलिज्म एक गंभीर और दुर्लभ बीमारी है जो क्लॉस्ट्रिडियम बोटुलिनम नाम के बैक्टीरिया से होती है. क्लॉस्ट्रिडियम बोटुलिनम बैक्टीरिया ऑक्सीजन-रहित (anaerobic) माहौल में पनपता है. यह मिट्टी, पानी और कुछ खाद्य पदार्थों में स्वाभाविक रूप से मौजूद हो सकता है, लेकिन जब इसे सही तरीके से संरक्षित या पकाया न जाए. तो ये जहरीला टॉक्सिन बनाकर खतरनाक साबित हो सकता है. बोटुलिज्म से तंत्रिका तंत्र (nervous system) प्रभावित होता है, जिससे मांसपेशियों में लकवा, सांस लेने में तकलीफ और कई बार मौत भी हो सकती है.
Mayo Clinic के अनुसार, ये बैक्टीरिया आमतौर पर उन सब्जियों में पाया जा सकता है जिन्हें ठीक से डिब्बाबंद या स्टोर नहीं किया गया है. खासकर लो-एसिड सब्जियों में क्लॉस्ट्रिडियम बोटुलिनम बैक्टीरिया पाया जाता है.
संभावना है कि ये बैक्टरिया के स्पोर्स शहद में भी पाए जा सकते हैं, इसी कारण से 1 साल से छोटे बच्चों को शहद नहीं देने की सलाह दी जाती है.
इटली और विदेशों में खाने को स्टोर करके रखने का चलन है और फिलहाल भारत में बोटुलिज्म के मामले दुर्लभ है. मगर ऐसा बिल्कुल नहीं है कि यहां पर खतरा टल गया है. भारत में अक्सर ही घरों में अचार, तेल में स्टोर लहसुन या मिर्च और डिब्बाबंद सब्जियों का इस्तेमाल किया जाता है. गर्म और नमी वाले मौसम में अगर ये खाने की चीजों सही टेम्परेचर और सफाई के साथ स्टोर न किए जाएं तो बैक्टीरिया पनप सकता है. देखा जाए तो गांव के इलाकों में धूल और मिट्टी की वजह से ये बैक्टीरिया सब्जियों में आसानी से पहुंच सकता है. इसके साथ ही अगर पैक्ड या वैक्यूम-सील्ड सब्जियों लंबे वक्त तक कमरे के तापमान पर रखा जाएं तो उनमें भी खतरा बढ़ सकता है.
एक्सपर्ट चेतावनी देते हैं कि खाने की चीजों के जो निमय होते हैं, उनका पालन न करना गंभीर स्वास्थ्य खतरा पैदा कर सकता है. इसलिए कभी इनकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए.
इस बैक्टीरिया से बचने के लिए अपने जख्मों को भी साफ रखें, क्योंकि उन लोगों में इसका खतरा बढ़ जाता है जिन्हें किसी तरह की चोट लगी हो. इसलिए अपनी चोट का खास ख्याल रखें और समय पर उसका इलाज कराएं.