scorecardresearch
 

लोगों से अधिक मिलने-जुलने वालों को डायबिटीज का खतरा! महिलाओं को ज्यादा रिस्क

अगर आप भी कोई ऐसी जॉब कर रहे हैं जिसमें आपका दिन में कई अलग-अलग लोगों से मिलना-जुलना होता है तो ऐसे में आपको अपनी सेहत को लेकर सावधान हो जाने की जरूरत है क्योंकि आपकी ये जॉब आपको डायबिटीज का शिकार बना सकती है.

Advertisement
X
Stress in the office can increase the risk of diabetes
Stress in the office can increase the risk of diabetes

क्या आप भी कोई ऐसी नौकरी करते हैं जिसमें आपको लोगों के साथ मिलना-जुलना होता है, लगातार बातचीत करनी होती है, खास तौर पर वो काम जिसमें आपसे अधिक इमोशनल प्रेजेंस की डिमांड होती है या फिर जिनमें अक्सर टकराव होता रहता है, तो आपको बता दें कि इन सभी पेशे से जुड़े लोगों को टाइप 2 डायबिटीज होने का रिस्क काफी हाई होता है.

स्वीडन में 30 लाख लोगों पर 14 सालों तक हुई एक स्टडी में ये चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. स्टडी में दावा किया गया है कि पब्लिक फेसिंग जॉब्स करने वाले महिला-पुरुषों में टाइप 2 डायबिटीज होने का रिस्क पाया गया है और यह खतरा महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ज्यादा है.

क्या कहती है स्टडी

रिसर्च जर्नल ऑक्यूपेशनल एंड एनवायर्नमेंटल मेडिसिन में पब्लिश हुई इस स्टडी में बताया गया कि ऐसी जॉब्स करने वाले लोगों को डायबिटीज का 24 प्रतिशत अधिक जोखिम होता है क्योंकि उन्हें इन जॉब्स में अधिक मेंटल प्रेशर और स्ट्रेस का सामना करना पड़ता है. जबकि महिलाओं में यह रिस्क 47 फीसदी होता है. 

रिसर्च में देखा गया कि महिलाओं को अगर वर्कप्लेस पर कम सपोर्ट मिलता है और उनकी जॉब उनसे इमोशनल प्रेजेंस ज्यादा मांगती है तो ऐसी महिलाएं जल्दी टाइप 2 डायबिटीज से घिर सकती हैं.

Advertisement

वर्कप्लेस पर तनाव और डायबिटीज के बीच क्या संबंध है?

स्वीडन के स्टॉकहोम स्थित कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने 14 सालों तक लगभग 30 लाख लोगों के डेटा का आकलन किया था. इस दौरान उन्होंने पाया कि कार्यस्थल पर तनाव, विशेष रूप से लोगों से मिलने-जुलने वाली जॉब्स लोगों की मेटाबॉलिक हेल्थ पर बुरा असर डालती हैं क्योंकि इनमें उन्हें ज्यादा तनाव का सामना करना पड़ता है. 

शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि इस तरह के तनाव से लोगों की लाइफस्टाइल भी खराब होती है जैसे स्ट्रेस में वो अधिक खाने लगते हैं, फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है या शराब का सेवन अधिक करने लगते हैं जिससे डायबिटीज का खतरा और बढ़ जाता है.

30 लाख लोगों पर हुई स्टडी

शोधकर्ताओं ने 30 से 60 वर्ष की आयु के लगभग 30 लाख स्वीडिश लोगों की हेल्थ को ट्रैक किया, जो 2005 में डायबिटीज फ्री थे. रिसर्च टीम ने अपने एनालिसिस में मेडिकल, शिक्षा, सोशल वर्क, हॉस्पिटैलिटी और ट्रंसपोर्ट जैसी इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को शामिल किया था जिसमें तीन प्रकार के कार्य-संबंधी इंटरैक्शन पर ध्यान केंद्रित किया गया. 

1-लोगों के साथ सामान्य संपर्क
2-इमोशनल नीड यानी संकट या किसी कठिन परिस्थिति में लोगों से निपटना
3-क्लाइंट्स या कस्टमर्स को हैंडल करने वाली जॉब

ये रिसर्च 2006 से 2020 तक की गई थी और इस अवधि के दौरान रिसर्च में शामिल लोगों में टाइप 2 डायबिटीज के दो लाख से अधिक नए केस दर्ज किए गए.

Advertisement

रिसर्च में पाया गया कि वर्कप्लेस पर तनाव से डायबिटीज होने का रिस्क पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा है. हालांकि पुरुष भी इससे अछूते नही हैं. 

नौकरी में स्ट्रेस से डायबिटीज कैसे होती है?

काम करने वाली जगह और उससे जुड़े तनाव से बॉडी में हार्मोनल चेंजेस होते हैं. इससे बॉडी में कॉर्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) का स्तर बढ़ता है जो आगे चलकर इंसुलिन रेसिस्टेंस का कारण बनता है जो टाइप 2 डायबिटीज होने का एक बड़ा कारण है. 

इससे कैसे बचें

  • वर्कप्लेस पर तनाव को कम करने के लिए कलीग्स के बीच के कनेक्शन और मैनेजमेंट सपोर्ट को बढ़ावा देना चाहिए.
  • स्ट्रेस मैनेजमेंट प्रोग्राम्स चलाने चाहिए.
  • शोधकर्ताओं ने इन हाई रिस्क वाली जॉब्स में कर्मचारियों के लिए डायबिटीज प्रिवेंशन पॉलिसीस को शुरू करने की भी अपील की.
---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement