
नेपाल में भ्रष्टाचार और सरकार के सोशल मीडिया पर बैन के खिलाफ शुरू हुए ‘जेन ज़ी’ आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया जिसके बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया. प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों, नेपाल की संसद और कई नेताओं के घरों को जला दिया. इस प्रदर्शन में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है और 400 से ज्यादा लोग घायल हैं.
इन हिंसक घटनाओं के बीच सोशल मीडिया पर नेपाल के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लोगों को मंदिर के बंद दरवाजे को जबरन तोड़ने की कोशिश करते हुए देखा जा सकता है. वीडियो में दिख रहे लोगों को प्रदर्शनकारी बताया जा रहा है. हमें ऐसी कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं जिनमें वायरल वीडियो को हाल-फिलहाल का बताया गया है.
वीडियो को शेयर करते हुए एक एक्स यूजर ने लिखा, “गुस्सा अगर सरकार से है, तो निशाना पशुपतिनाथ मंदिर क्यों? ये मंदिर सिर्फ ईंट-पत्थर नहीं, बल्कि पूरे हिंदू समाज की आस्था और पहचान का प्रतीक है. सरकार के खिलाफ विरोध समझ आता है, लेकिन मंदिर के दरवाज़े तोड़ने की कोशिश? असली गुस्सा कहाँ है? और चोट मंदिर पर क्यों?”

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो जुलाई 2025 से ही इंटरनेट पर मौजूद है और पहाचरे त्योहार के दौरान पशुपतिनाथ मंदिर में जबरन प्रवेश करने की एक परंपरा को दिखाता है. इस वीडियो का नेपाल में चल रहे विरोध प्रदर्शनों से कोई लेना-देना नहीं है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने से ये हमें ‘Hamro jatra’ नाम के एक फेसबुक पेज पर 14 जुलाई 2025 के एक पोस्ट में मिला. पोस्ट का कैप्शन नेपाली भाषा में है जिसका हिंदी अनुवाद है, “पशुपतिनाथ मंदिर में इस शोभायात्रा के बारे में कौन जानता है? ये कौन सी शोभायात्रा है और कब निकलती है? ये द्वार पर क्यों चढ़ती है?” जाहिर है, ये वीडियो सितंबर 2025 में शुरू हुए प्रदर्शनों से काफी पहले का है.
फेसबुक पोस्ट के जवाब में कई लोगों ने इस वीडियो को नक्साल भगवती यात्रा से संबंधित बताया और कहा कि इस यात्रा में शामिल कुछ लोग पशुपतिनाथ मंदिर के बंद दरवाजे पर चढ़कर उसे जबरन खोलकर प्रवेश करने की कोशिश करते हैं, जो कि एक परंपरा है.

पोस्ट पर हमें इस परंपरा से जुड़ा एक और वीडियो मिला. इस वीडियो में भी वायरल वीडियो की तरह कुछ लोग पशुपतिनाथ मंदिर के दरवाजे पर चढे़ हुए हैं और उसे जबरन खोलने की कोशिश कर रहे हैं और फिर यात्रा में शामिल एक रथ को दरवाजे से टकराकर उसे तोड़ा जा रहा है.
वायरल वीडियो के बारे में और जानकारी पाने के लिए हमने Hamro jatra फेसबुक पेज के ‘श्याम था’ से सम्पर्क किया. श्याम ने हमें बताया कि वो पेशे से एक वीडियोग्राफर हैं और मंदिरों और नेपाल के त्योहारों से जुड़ी चीजों को शूट करते हैं. श्याम काठमांडू में ही रहते हैं. ये वीडियो 30 मार्च, 2025 का है और इसे श्याम ने ही रिकार्ड किया था.
इस वीडियो को नेपाल के मौजूदा हालात से जोड़ने की बात को नकारते हुए श्याम ने बताया कि ये नेपाल में पहाचरे त्योहार के दौरान निकाले जाने वाली नक्साल भगवती यात्रा का है जो कि काठमांडू के नक्साल इलाके से शुरू होती है और पशुपतिनाथ मंदिर तक जाती है.
श्याम के मुताबिक, प्रचलित धारणा ये है कि भगवान शिव और पार्वती के बीच हुई एक गलतफहमी के कारण भगवान शिव ने मंदिर के द्वार को बंद कर दिया था जिस कारण देवी पार्वती को मंदिर के बाहर ही भोजन करना पड़ा था क्योंकि भगवान शिव ने उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी थी. पहाचरे उत्सव इसलिए मनाया जाता है कि देवी पार्वती की बहन नक्साल पगवती को इस गलतफहमी का पता चल गया था. इसलिए नक्साल लोग पशुपतिनाथ मंदिर तक रथ के साथ आते हैं और दरवाजे को खोलने की कोशिश करते हैं.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हिंसक प्रदर्शनकारियों ने 9 सिंतबर को पशुपतिनाथ मंदिर में घुसकर तोड़फोड़ करने की कोशिश की थी लेकिन नेपाली सेना ने हमले की कोशिश को नाकाम करते हुए मंदिर की सुरक्षा अपने हाथों में ली थी. खबरों के अनुसार, सेना के पहुंचने के बाद पशुपतिनाथ मंदिर में स्थिति सामान्य है.
साफ है, नेपाल में त्योहार के दौरान पशुपतिनाथ मंदिर में जबरन प्रवेश करने की एक परंपरा को प्रदर्शनकारियों द्वारा मंदिर पर हमले से संबंधित बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है.