
कुछ दिनों पहले बिहार में डॉग बाबू नाम के कुत्ते का आवासीय प्रमाणपत्र जारी होने की खबर आई थी और अब सोशल मीडिया पर टोमी जैसवाल नाम के कुत्ते का एक फर्जी आधार कार्ड वायरल हो गया है. ये ताजा मामला ग्वालियर का है.
इस आधार कार्ड में एक कुत्ते की तस्वीर के साथ ग्वालियर के डबरा नगर पालिका क्षेत्र के सिमरिया ताल का पता लिखा है. साथ ही, इसमें टोमी जैसवाल को पालने वाले व्यक्ति का नाम कैलाश जैसवाल बताया गया है.
इस वायरल आधार कार्ड ने बहुत सारे लोगों को अचंभे में डाल दिया. कोई इसे एआई का कमाल बता रहा है तो कोई इस बात को लेकर चिंता जता रहा है कि किस तरह आधार जैसा महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट मामूली एडिटिंग करके बनाया जा सकता है. आजतक ने इस मामले की पड़ताल की तो हमें कई महत्वपूर्ण बातें पता लगीं, मसलन, इसमें जो पता लिखा है वो असली है या नहीं, इसमें जिस कैलाश जैसवाल के नाम का जिक्र है, वो कौन हैं, आदि.
क्या है इस आधार नंबर की कहानी?
जब हमने वायरल आधार कार्ड पर दिए गए कथित UID नंबर '070001051580' को आधार की आधिकारिक वेबसाइट पर डालकर चेक किया, तो वहां हमें मैसेज दिखा, 'कृपया वैध आधार नंबर डालें'. यानी साफ है, ये आधार नंबर गलत है.

आजतक के ग्वालियर संवाददाता सर्वेश पुरोहित ने डबरा के स्थानीय लोगों से बात करके हमें बताया कि ये फर्जी आधार नंबर, एक फोन नंबर '7000105158' के दोनों तरफ जीरो लगाकर बनाया गया है. हमने '7000105158' फोन नंबर को ट्रूकॉलर एप पर डाला. इस एप के मुताबिक, ये नंबर, मध्य प्रदेश के किसी पवन जायसवाल का है.

हमने इस नंबर पर कॉल किया तो ममता जायसवाल नाम की महिला ने फोन उठाया. उन्होंने बताया कि ये नंबर उनके इकलौते बेटे पवन जायसवाल का है जिसकी पांच महीने पहले अचानक तबीयत बिगड़ने से आकस्मिक मौत हो गई थी. ममता ने बताया कि उनके पति का नाम कैलाश जायसवाल है. गौरतलब है कि वायरल आधार कार्ड में पीछे की तरफ 'कैलाश जैसवाल' नाम लिखा है.
ममता जायसवाल ने आजतक को क्या बताया?
ममता ने बताया कि पवन उनका इकलौता बेटा था जिसकी मौत से उनका परिवार अभी तक सदमे में है. उन्होंने बताया, "इसमें जो पता लिखा है, वो हमारा ही है. जिस कुत्ते की फोटो लगी है, वो हमारे घर में 10-12 साल तक पला था, लेकिन 2 साल पहले उसकी मौत हो गई. हम लोग सोच रहे हैं कि इस बारे में पुलिस में शिकायत कर दें क्योंकि इस विवाद की वजह से हमें बहुत परेशानी झेलनी पड़ रही है. हम लोग तो इतने भी पढ़े-लिखे नहीं हैं कि अपना आधार कार्ड खुद बनवा सकें. हम कहां से और कैसे एडिट करके कुत्ते का आधार कार्ड बना देंगे."
ममता के पति कैलाश की एक छोटी-सी किराने की दुकान है जिसके जरिये उनके परिवार का खर्च चलता है. उन्होंने बताया कि उनका बेटा पवन एक शराब की दुकान में काम करता था.
ग्वालियर की कलेक्टर ने इस मामले पर क्या कहा है?
ग्वालियर की कलेक्टर रुचिका चौहान ने आजतक को बताया कि ये आधार कार्ड फर्जी है. ये किसने बनाया और किसने इसे वायरल किया, उसका मकसद क्या था- इसकी जांच चल रही है.