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फैक्ट चेक: आसमान में हजारों जगमगाती लालटेन उड़ाने का ये वीडियो न तो क्रिसमस का है, न ही भारत का!

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में बड़ी संख्या में लोग एकसाथ आसमान में कागज के लालटेन उड़ाते नजर आ रहे हैं. इस वीडियो को क्रिसमस के मौके का बताते हुए लोग तंज के तौर पर कह रहे हैं कि प्रदूषण के लिए सिर्फ दिवाली के पटाखों को ही क्यों जिम्मेदार ठहराया जाता है. आजतक के फैक्ट चेक में जानें इस वायरल वीडियो का सच?

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
क्रिसमस के मौके पर प्रदूषण को दरकिनार कर बड़ी संख्या में आसमान में कागज के लालटेन छोड़े गए.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये वीडियो थाईलैंड का है जहां नवंबर में बौद्ध धर्म से संबंधित एक त्योहार के मौके पर ये लालटेन उड़ाई गई थीं.

भारत में प्रदूषण के चलते कई शहरों की हवा खतरनाक हो चुकी है. इस बीच हाल ही में गुजरे क्रिसमस का बताकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. वीडियो में किसी जगह पर बड़ी संख्या में मौजूद लोग एकसाथ आसमान में कागज के लालटेन उड़ाते हुए नजर आ रहे हैं.

इस वीडियो को शेयर करते हुए कई लोग तंज के तौर पर कह रहे हैं कि क्रिसमस के मौके पर इतनी बड़ी संख्या में लालटेन जलाए जा रहे हैं लेकिन प्रदूषण के लिए सिर्फ दिवाली के पटाखों को जिम्मेदार ठहराया जाता है. वीडियो में एक कपल समेत कई लोग एक जैसे लालटेन जलाकर आसमान में छोड़ते हैं और कैमरा ऊपर होते ही एक अनोखा नजारा देखने को मिलता है.

Fact Check 2nd Image

एक्स और फेसबुक पर कई लोगों ने वीडियो पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा, “मैरी क्रिसमस झिंगा बेल करने वाले लोग कल रात को इतने सारे बैलून उड़ा दिए। इससे वायु प्रदूषण ठीक रहेगा सिर्फ दिवाली के पटाखे से वायु प्रदूषण खराब हो जाता है.”

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो थाईलैंड का है जहां नवंबर में बौद्ध धर्म से संबंधित एक त्योहार के मौके पर ये लालटेन उड़ाई गई थीं.

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कैसे पता लगाई सच्चाई?

वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें ये मार्कोस वाज नाम के एक डिजिटल क्रिएटर के फेसबुक पेज पर मिला. मार्कोस एक ट्रैवल ब्लॉगर हैं जो अपनी पत्नी और बच्चे के साथ देश-विदेश घूमते हैं और वीडियो बनाते हैं.

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मार्कोस ने ये वीडियो 6 नवंबर को पोस्ट किया था. साथ ही इसके कैप्शन में उन्होंने लिखा था, “लैंटर्न फेस्टिवल 2025 - थाईलैंड.” इससे ये साफ हो जाता है कि इस वीडियो का हालिया क्रिसमस से कोई लेना-देना नहीं है.

मार्कोस ने अपने फेसबुक पेज पर इस फेस्टिवल के और भी कई वीडियो अलग-अलग समय पर पोस्ट किए थे.

कीवर्ड के जरिए सर्च करने पर हमें ‘द गार्डियन’ की एक रिपोर्ट मिली. इसके मुताबिक, थाईलैंड के इस लैंटर्न फेस्टिवल को ‘लॉय क्राथोंग एंड यी पेंग फेस्टिवल’ भी कहा जाता है जो बौद्ध धर्म से जुड़ा हुआ है. ये थाईलैंड का एक पारंपरिक त्योहार है. इस मौके पर लोग दीपों से सजे क्राथोंग, यानी पत्तों और फूलों से बनी छोटी-सी टोकरी नदियों में बहाते हैं और आसमान में कागज की जगमगाती लालटेन उड़ाते हैं.

कई ट्रैवल वेबसाइट्स और ब्लॉग्स के मुताबिक, 2025 में ये त्योहार 5 और 6 नवंबर को मनाया गया था. वहीं साल 2026 में ये 24 और 25 नवंबर को थाईलैंड में ये मनाया जाएगा.

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हमें ऐसी कोई खबर या वीडियो नहीं मिला जिसमें भारत में क्रिसमस के मौके पर ऐसे किसी आयोजन के बारे में बताया गया हो. हालांकि, ग्रीस की राजधानी एथेंस में इसी तरह का एक आयोजन हुआ था जब वहां 26 दिसंबर को क्रिसमस के मौके पर सिटी हॉल के सामने से करीब 3000 जगमगाती लालटेन उड़ाई गईं थीं. 

कुल मिलाकर साफ है कि वायरल हो रहे इस वीडियो का हाल ही में हुए क्रिसमस से कोई लेना-देना नहीं है.

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