प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो गई है. पहले दिन 50 लाख से भी ज्यादा श्रद्धालुओं ने स्नान किया है. इस बीच क्या महाकुंभ मेला क्षेत्र में बने अस्पताल में आग लगने से आठ लोग हताहत हो गए? सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए कुछ यूजर्स यही दावा कर रहे हैं. वीडियो में भगदड़ के बीच उठता धुआं, एम्बुलेंस की आवाज और कई सुरक्षाकर्मियों को देखा जा सकता है.
वायरल वीडियो पर टेक्स्ट लिखा है, “महाकुंभ मेला क्षेत्र के Hospital में लगी भीषण आग 8 लोग हताहत”. इन्हीं दावों के साथ इस वीडियो को एक्स और फेसबुक पर शेयर किया जा रहा है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि वायरल वीडियो आग लगने की किसी असली घटना का नहीं, बल्कि महाकुंभ की शुरुआत से पहले हुई एक मॉक ड्रिल का है.
कैसे पता चली सच्चाई?
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें इसी का लंबा वर्जन दिसंबर 2024 के कई सोशल मीडिया पोस्ट्स में मिला. पूरे वीडियो में सुरक्षाकर्मियों को महाकुंभ परिसर में बने केंद्रिय अस्पताल से घायल लोगों को बचाते हुए देखा जा सकता हैं. सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार, ये वीडियो किसी असली घटना का नहीं, बल्कि पुलिस और दमकल विभाग द्वारा की गई एक ‘मॉक ड्रिल’ का है. दरअसल, मॉक ड्रिल आपात स्थिति में बचाव कार्य करने की ट्रेनिंग देने के लिए की जाती है, जिसमें असल घटना का नाट्य रूपांतरण किया जाता है.
इसके बाद हमें इस मॉक ड्रिल से जुड़ी कई न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें वायरल वीडियो से मिलते जुलते विजुअल्स देखे जा सकते हैं. दैनिक भास्कर की 27 दिसंबर की खबर के अनुसार, ये मॉक ड्रिल महाकुंभ मेला क्षेत्र में बने अस्थायी केंद्रीय अस्पताल में की गई थी. इसके अलावा हमें महाकुंभ में आठ लोगों के हताहत होने या आग लगने से जुड़ी कोई विश्वसनीय खबर नहीं मिली.
महाकुंभ में आग लगने के दावे करने वाले वायरल पोस्ट का खंडन उत्तर प्रदेश पुलिस और अग्निशमन विभाग ने भी किया है. उन्होंने भी यही बताया है कि वायरल वीडियो किसी असल घटना का नहीं, बल्कि 27 दिसंबर को हुई मॉक ड्रिल का है.
साफ है, महाकुंभ की तैयारियों के बीच हुई मॉक ड्रिल के वीडियो को असल आग का बताकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है.