
सोशल मीडिया पर कोलकाता रेप केस के आरोपी को मौत की सजा देने की लगातार अपील की जा रही है. इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है जिसमें एक महिला किसी कमरे में पिस्तौल से फायरिंग करते दिख रही है.
वीडियो के साथ कहा जा रहा है कि मैरीएन बाकमायर नाम की जर्मनी की इस महिला ने अपनी सात साल की बच्ची का रेप करने वाले को कोर्ट में गोली मार दी थी. बाद में महिला को छह साल की सजा सुनाई गई थी.

वायरल पोस्ट के कमेंट सेक्शन में लोग महिला की तारीफ कर रहे हैं कि उसने बहुत अच्छा किया. साथ ही यूजर्स ये भी लिख रहे हैं कि कोलकाता रेप मामले के आरोपी के साथ भी यही होना चाहिए. वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है, "ये जर्मनी की बहादुर महिला Marianne Bachmeier हैं, जिन्होंने अपनी 7 साल की मासूम बच्ची के बलात्कारी को कोर्ट में गोली मारी थी। जिसके बाद इनको 6 साल की सज़ा सुनाई गई थी”.
इस कैप्शन के साथ ये वीडियो फेसबुक पर काफी वायरल हो रहा है. वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो एक फिल्म से लिया गया है जो जर्मनी की एक महिला पर आधारित थी जिसने वाकई अपनी बेटी के रेपिस्ट और कातिल को कोर्ट में गोली मार दी थी.
कैसे पता चली सच्चाई?
वीडियो के बारे में सर्च करने पर हमने देखा कि सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इसे जर्मन फिल्म “Der Fall Bachmeie: Keine Zeit für Tränen” की क्लिप का बताकर शेयर किया है. अंग्रेजी में इसका नाम “No Time for Tears: The Bachmeier Case” है. सर्च करने पर हमें ये पूरी फिल्म यूट्यूब पर अपलोड हुई मिली. इसमें वायरल वीडियो वाला हिस्सा 1.19.25 के टाइम स्टैम्प पर देखा जा सकता है. इसे देखकर ये साफ समझ आता है कि वायरल वीडियो इसी फिल्म से लिया गया है.
1984 में आई ये फिल्म जर्मनी के एक चर्चित केस पर आधारित थी. “द सन” की एक खबर के मुताबिक, वेस्ट जर्मनी के 1981 के इस मामले में मैरीएन बाकमायर नाम की एक महिला ने एक आदमी की कोर्ट में गोली मारकर हत्या कर दी थी. कारण ये था कि दोषी क्लाउस ग्रैबोव्स्की ने बाकमायर की सात साल की बेटी ऐना का बलात्कार कर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी. क्लाउस ने अपना जुर्म कबूल लिया था. वो पहले भी लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने के मामले में जेल जा चुका था.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्लाउस को बाकमायर ने गोलियों से भून दिया था. बाद में बाकमायर को छह साल की सजा सुनाई गई थी लेकिन तीन साल बाद उन्हें बेल पर छोड़ दिया गया था. विश्व भर में बाकमायर के इस कदम की काफी सराहना हुई थी. फिल्म में बाकमायर का किरदार ऑस्ट्रियन अदाकारा मैरी कोलबिन ने निभाया था.