एयरपोर्ट के एक प्रतीक्षालय में अधिकारियों से बहस करते हुए नाराज यात्रियों के दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि यह घटना बुधवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGIA) के टर्मिनल 3 की है.
वीडियो में कुछ यात्रियों को तेज आवाज में कहते सुना जा सकता है: 'हमें गोली मार दो', 'हम यहां सुरक्षित महसूस नहीं करते', 'हम यहां नहीं रुकना चाहते हैं' और 'कृपया हमारे पासपोर्ट हमें वापस दीजिए' आदि..
कई फेसबुक यूजर्स जैसे 'Parvinder Singh Sethi ' और 'MercyPou Jonathan Panmei' ने दावा किया है कि आने वाले यात्रियों के पासपोर्ट को ले लिया गया और कोरोना वायरस से जुड़े परीक्षण हो जाने के बाद वापस नहीं किया गया.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में पाया कि IGIA के टर्मिनल 3 पर अराजकता की यह घटना पुरानी है.
इन वायरल वीडियोज के साथ अंग्रेजी में कैप्शन लिखा गया है जिसका हिंदी अनुवाद कुछ इस तरह होगा, 'नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल 3 पर आज सुबह भारी हंगामा. अब वे आने वाले यात्रियों का पासपोर्ट ले रहे हैं और सभी परीक्षण किए जाने के बाद भी वापस नहीं कर रहे हैं. यहां तक कि भारतीय पासपोर्ट धारक भारतीय नागरिकों को भी हवाई अड्डे से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है. यात्री पुलिस पर चिल्ला रहे हैं कि उन्हें मार डालें या गोली मार दें. यह सब अविश्वसनीय है.'
वायरल पोस्ट के आर्काइव वर्जन यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
क्या हुआ था?
बुधवार यानी 18 मार्च, 2020 को एक्टर सोनी राजदान ने सबसे पहले यह वीडियो वायरल हो रहे दावे के साथ ट्वीट किया. लेकिन दिल्ली एयरपोर्ट के ट्विटर हैंडल ने उन्हें जवाब देते लिखा, 'प्रिय महोदया, प्रसारित किया जा रहा यह वीडियो पुराना है. फिलहाल संबंधित सभी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित किया गया है और संचालन पूरी तरह से सामान्य है. यात्रियों को किसी भी तरह असुविधा न हो, इसके लिए हम सभी हितधारकों के साथ घनिष्ठ समन्वय में काम कर रहे हैं.' इसके बाद सोनी राजदान ने अपना ट्वीट डिलीट कर लिया.
Deleting my tweet right away as this clarification has been issued by Delhi Airport. My only concern was the safety of those who could have spread the virus to each other (and to others) due to the way they were herded together, and not that people should not be checked. 🙏 https://t.co/YsSRfTnNa8
— Soni Razdan (@Soni_Razdan) March 18, 2020
बाद में यह वीडियो वायरल हो गया तो नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उसी दिन मीडिया में बयान जारी किया. उन्होंने स्पष्टीकरण दिया कि यह घटना तीन दिन पुरानी है, न कि बुधवार सुबह की.
मंत्री ने कहा, 'यह वीडियो तीन दिन पुराना है. हुआ यह था कि उस दिन कई फ्लाइट्स एक ही समय पर आई थीं और उस दिन हमने 'अनिवार्य क्वारंटाइन' के नियम लागू किया था. अब सब कुछ सुचारु रूप से चल रहा है.'
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश के मुताबिक, चीन, इटली, ईरान, साउथ कोरिया, फ्रांस, स्पेन और जर्मनी से आने वाले या यहां की यात्रा से लौटे यात्रियों को कम से कम 14 दिन अलग थलग करके रखा जाएगा. यह नियम 13 मार्च से लागू हुआ है. यह घटना दिल्ली हवाई अड्डे पर ये दिशानिर्देश लागू करने के कुछ दिन बाद हुई.
उत्तेजित क्यों हुए थे यात्री?
नए दिशानिर्देशों के लागू होने के बाद अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की जब तक पूरी तरह जांच न हो जाए, तब तक उनको एयरपोर्ट के बाहर निकलने की अनुमति नहीं थी. मंत्री के मुताबिक, शुरुआती दिनों में इस प्रक्रिया में कुछ परेशानियां सामने आईं और पूरी प्रक्रिया में अधिक समय लग रहा था.
वीडियो में जो बहस होती दिख रही है, वह इसलिए हुई क्योंकि कुछ यात्रियों ने एकांतवास में जाने से मना कर दिया. इसके बाद उनमें और अधिकारियों में बहस होने लगी और प्रक्रिया पूरी करने में अनावश्यक देर हो रही थी. इसे लेकर कई यात्रियों ने नाराजगी जाहिर करनी शुरू कर दी.
अभी क्या हैं IGIA पर हालात?
दिल्ली हवाई अड्डे पर यात्रियों के लिए कोरोना वायरस की स्क्रीनिंग अनिवार्य की गई है. जो यात्री चीन, इटली, ईरान, साउथ कोरिया, फ्रांस, स्पेन और जर्मनी से आ रहे हैं उन्हें 14 दिनों के लिए एकांतवास में रखा जा रहा है.
निष्कर्ष
दरअसल, वायरल वीडियो IGI एयरपोर्ट के टर्मिनल थ्री का ही था. लेकिन इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वालों की तरह ज्यादातर लोग यह समझ रहे थे कि यह घटना 18 मार्च यानी बुधवार सुबह की है, जबकि यह घटना उसके कुछ दिन पहले की है.